जलमहल की पाल पर वन एवं वन्यजीव संरक्षण एक्ट का उल्लंघन, नाइट बाजार का संचालन
जयपुर न्यूज: जलमहल की पाल पर वन एवं वन्यजीव संरक्षण एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है. नगर निगम हेरिटेज द्वारा यहां नाइट बाजार संचालित कर उल्लंघन किया जा रहा है. वन विभाग वाइल्डलाइफ की बिना अनुमति के नाइट बाजार का संचालन हो रहा है.
Jaipur: जल महल एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है. जहां पर देशी—विदेशी पर्यटक भ्रमण करने पहुंचते है.पिछले कुछ महिनों से नगर निगम द्वारा जलमहल की पाल पर नाइट बाजार चलाया जा रहा है. इस नाइट बाजार के संचालन से वन एवं वन्यजीव संरक्षण एक्ट का उल्लंघन हो रहा है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशनुसार वन और झील से एक किलोमीटर तक किसी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन नहीं किया जा सकता.
नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा एवं सेवा समिति के अध्यक्ष राजेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि इन झीलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित जिला प्रशासन और वन विभाग की होती है. पिछले कई महिनों से नगर निगम हेरिटेज जयपुर द्वारा जलमहल की पाल पर नाइट बाजार का संचालन किया जा रहा है. जबकि जलमहल झील नाहरगढ़ ईको सेंसिटिव जोन में होने के बाद भी नगर निगम द्वारा नाइट बाजार संचालित कर वन एवं वन्यजीव संरक्षण एक्ट का उल्लंघन कर रहा है.
हेरिटेज नगर निगम नाइट बाजार के लिए वन विभाग की वाइल्डलाइफ की अनुमति के बिना नाइट बाजार संचालित कर रहा है. यह नाइट बाजार हर सप्ताह के शनिवार और रविवार को शाम 5 बजे से रात 11 नाइट बाजार लगाया जा रहा है. जलमहल की पाल पर भारी मात्रा में लाइट एण्ड साउंड और डीजे की धून का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं नाइट बाजार में आने वाले लोगों द्वारा जलमहल की झील के अंदर कचरा फैंका जा रहा है.
कचरा फैंकने से जल प्रदूषण होने से झील में विचरण करने वाले जलीय जंतु की जान को खतरा बढ़ रहा है. डीजे और लाइट एण्ड साउंड के चलने से ध्वनी प्रदूषण होने से वन्यजीव और जलीय जंतुओं के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. साथ ही जलमहल की लोकप्रियता और खुबसूरती भी नष्ट हो रही है. आपकों बता दे पिंकसिटी आने वाले देशी—विदेशी पर्यटक जलमहल को देखे बिना ही लौट रहे हैं.
क्योंकि नगर निगम द्वारा नाइट बाजार लगने से चारों ओर टैंट लगा देने जलमहल की खुबसूरती छिप रही है.सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है. वहीं जिला प्रशासन और वन विभाग भी आंखें मूंदे गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे है.नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा एवं सेवा समिति ने वन विभाग मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को आनलाइन शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की है.
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