Jaipur News: क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट, जिसमें फंसे 11 लाख से अधिक लोगों के पैसे, जानें राजस्थान में HSRP पर क्यों लगी रोक?
Jaipur News: हाल ही में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने एक आदेश जारी किया, जिसके तहत उन्होंने राजस्थान में वाहनों पर लगाई जा रही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अभियान पर फिलहाल के लिए ब्रेक लगाने की बात कही.
Jaipur News: हाल ही में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने एक आदेश जारी किया, जिसके तहत उन्होंने राजस्थान में वाहनों पर लगाई जा रही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अभियान पर फिलहाल के लिए ब्रेक लगाने की बात कही. इस दौरान उप मुख्यमंत्री की ओर से आदेश दिया गया कि प्रदेश में HSRP के लिए जिन वाहनों की बुकिंग हो चुकी है, उन पर 5 दिनों के भीतर HSRP लगाए जाए.
5 दिनों के भीतर पैसे लौटाने के आदेश
वहीं, जिन वाहनों को अभी तक स्लॉट नहीं मिल पाया है और पेमेंट हो चुका है, उनके पैसे जल्द वापस किए जाए. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो उप मुख्यमंत्री के इस फैसले का असर राज्य के करीब-करीब 11 लाख लोगों पर पड़ा है. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में HSRP के तहत 11 लाख से अधिक लोगों के फंसे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट क्या है और राजस्थान के परिवहन मंत्री ने इस पर रोक क्यों लगा दी है.
जानें क्या होता है HSRP
बता दें कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) एल्यूमीनियम से बना एक नंबर प्लेट होती है, जो वाहन के आगे और पीछे लगाई जाती है. HSRP के ऊपरी बाएं कोने पर एक नीले रंग का होलोग्राम होता है, जो क्रोमियम का बना होता है. इसमें अशोक चक्र का चिन्ह दिखाई देता है. इसके ठीक नीचे बाएं कोने पर एक यूनिक लेजर-ब्रांडेड 10-अंकीय स्थायी पहचान संख्या (पिन) दिया जाता है. इसमें सबसे खास बात यह है कि HSRP वाहन के डिजिटल पंजीकरण के बाद ही जारी किया जाता है. इस प्रकार एक प्लेट का उपयोग किसी दूसरे गाड़ी के लिए नहीं किया जा सकता है. कुल मिलाकर इन प्लेटों को किसी अन्य प्रकार के दुरुपयोग को रोकने के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया जाता है.
राजस्थान में क्यों बंद हुआ HSRP
राजस्थान में HSRP को तत्काल बंद करने के पीछे की वजह बताते हुए प्रेमचंद बैरवा ने कहा था कि इस प्रक्रिया के तहत वाहन मालिकों को महीनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. साथ ही उनसे ज्यादा राशि वसूली जा रही है. इससे आमजन को परेशानी हो रही है. मंत्री ने विभाग स्तर पर अपनी अलग प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं. परिवहन विभाग खुद का नया पोर्टल डेवलप करेगा. पोर्टल कब तक डेवलप होगा. यह अभी अधिकारियों को भी पता नहीं है.
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