Jaipur News: सड़क हादसों में कमी लाने के लिए राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने एक पॉलिसी बनाई. वर्ष 2018 में 'फिजा पॉलिसी' लाई गई और निजी क्षेत्र के फिटनेस केन्द्रों को मंजूरी दी गई. जिसका उद्देश्य यह था कि यहां मशीनों के जरिए वाहनों की फिटनेस को जांचा जाएगा. जिसमें जो फिट  उसे ही सड़कों पर चलाया जाएगा.  इससे हादसे रुकेंगे. लेकिन पिछले 5 वर्ष में सड़क हादसे कम होने के बजाय बढ़ गए हैं. प्राइवेट फिटनेस केन्द्र बेलगाम हो गए हैं, जिन पर विभाग का अंकुश नहीं के बराबर है.


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बता दें कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए बनाई परिवहन विभाग की फिजा 2018 पॉलिसी बढ़ते सड़क हादसों में कमी लाने में फेल साबित हुई है. पॉलिसी बनाने के बाद सड़क हादसों में कमी होनी थी, क्योंकि पॉलिसी के तहत वाहनों की फिटनेस ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर पर होनी थी. 


पॉलिसी फेल 


बड़ी बात यह है कि फिटनेस सेंटरों पर बिना आए वाहनों की फिटनेस जारी हो रही है. इस वजह से पॉलिसी फेल साबित हुई है. परिवहन अधिकारी भी सेंटरों पर बिना आए वाहनों की हो रही फिटनेस को नहीं रोक पाए.


हर महीने करोड़ों रुपए का नुकसान 


 इतना ही नहीं प्राइवेट फिटनेस सेंटर टैक्स जमा नहीं होने वाले वाहनों का भी फिटनेस जारी कर रहे हैं. इससे ये सेंटर राज्य सरकार के राजस्व को भी हर महीने करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसका खुलासा आरटीओ की जांच रिपोर्ट में हो चुका है. सेंटर नहीं होने से पहले वर्ष 2017 में 22111 सड़क हादसों में 10444 लोगों की मौत हुई थी. अब वर्ष 2022 में मौत का आंकड़ा 11104 पहुंच गया है और हादसों की संख्या 23614 रही है.


इस तरह से बढ़ रही हैं प्रदेश में मौतें


.वर्ष 2014 में 24628 दुर्घटना, 27453 घायल, 10289 मौतें
.वर्ष 2015 में 24072 दुर्घटना, 26153 घायल, 10510 मौतें
.वर्ष 2016 में 23066 दुर्घटना, 24103 घायल, 10465 मौतें
.वर्ष 2017 में 22111 दुर्घटना, 22071 घायल, 10444 मौतें
.वर्ष 2018 में 21743 दुर्घटना, 21547 घायल, 10320 मौतें
.वर्ष 2019 में 23480 दुर्घटना, 22979 घायल, 10523 मौतें
.वर्ष 2020 में 19114 दुर्घटना, 16769 घायल, 9250 मौतें (कोरोना वर्ष)
.वर्ष 2021 में 20951 दुर्घटना, 19344 घायल, 10043 मौतें
.वर्ष 2022 में 23614 दुर्घटना, 22293 घायल और 11104 मौतें

82 फिटनेस केन्द्रों की जांच के आदेश 


निजी क्षेत्र में फिटनेस केन्द्र खोलने के पीछे परिवहन विभाग का उद्देश्य यही था कि खटारा वाहनों की फिटनेस नहीं बने. लेकिन निजी फिटनेस केन्द्र वाहनों की जांच किए बगैर ही फिटनेस प्रमाण पत्र बना रहे हैं. परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने 28 जून को प्रदेशभर के 82 फिटनेस केन्द्रों की जांच के आदेश दिए थे. लेकिन जांच के बाद भी कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर ली गई है.


20 में मिली अनियमितता, कार्रवाई सिर्फ 9 पर !


1 से 15 जुलाई तक सभी 82 फिटनेस केन्द्रों की जांच की गई
इनमें से 20 फिटनेस केन्द्रों पर जांच में अनियमितताएं पाई गई
अधिकारियों ने मात्र 9 सेंटरों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति की
9 में से 3 फिटनेस केन्द्रों को 15 दिन के लिए निलंबित किया
केवल एक फिटनेस केन्द्र को ही एक माह के लिए निलंबित किया
5 सेंटरों की 1 लाख रुपए की सिक्योरिटी राशि जब्त कर खानापूर्ति की गई

अधिक फीस वसूल 


बड़ी बात यह है कि परिवहन विभाग ने अभी भी फिटनेस केन्द्रों पर लगाम कसने के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई है. प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के चलते परिवहन विभाग जहां अवैध व संदिग्ध सामग्रियों की धरपकड़ में लगा है, तो दूसरी तरफ फिटनेस केन्द्र मनमर्जी से वाहन मालिकों से अधिक फीस वसूल कर रहे हैं. वहीं कई फिटनेस केन्द्रों की बगैर वाहन लाए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने की भी शिकायतें आ रही हैं.
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