Phulera: किशनगढ़ रेनवाल नगर पालिका में कांग्रेस पार्षद महेंद्र सुल्तानिया के नेतृत्व में भाजपा नेता प्रतिपक्ष सीताराम बासनीवाल, मुकेश कुमावत, गोपाल दायमा, राजू तिवारी, कविता कुमावत, कजोड़ मल कुमावत, नितिन शर्मा और मनोनीत पार्षद मनमोहन सिंह ने मिलकर राजस्व निरीक्षक रघुवीर वर्मा को 10 मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्वायत्त शासन मंत्री शांतिलाल धारीवाल, जिला कलेक्टर, स्थानीय निकाय निदेशक, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार किशनगढ़ रेनवाल और अधिशासी अधिकारी के नाम से ज्ञापन सौंपा है.


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युवा नेता कांग्रेस पार्षद महेंद्र सिंह सुल्तानिया ने बताया कि नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी वर्षा चौधरी के लेट लतीफ आने के रवैये से आमजन को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रोजना लेट होना आम बात है और रेनवाल की जनता यहां पर घंटो तक इंतजार करके निराश होकर यहां से लौट जाती है. वर्षा चौधरी के अधिकतर कार्यालय में उपस्थित नहीं होने से नाराजगी व्यक्त की गई. 


पार्षद ने कहा कि रेनवाल नगर पालिका बोर्ड के 2 वर्ष पूर्ण होने पर है लेकिन अभी तक पालिका की समितियों का गठन तक नहीं हुआ. पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी अपनी मनमर्जी करते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सपनों पर रेनवाल नगर पालिका प्रशासन और पालिका अध्यक्ष पानी फेरते हुए नजर आ रहे हैं, जहां एक ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आम जनता को मालिकाना हक देना चाहते हैं, वहीं पालिका प्रशासन स्थानीय लोगों को चक्कर कटाने से बाज नहीं आ रहे हैं. आम व्यक्ति को बेवजह परेशान किया जा रहा है. यही नहीं पालिका में सैंकड़ों पट्टे की पत्रावली या लंबित चल रही है, उनका कोई समाधान नहीं किया जा रहा है. 


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अधिशासी अधिकारी वर्षा चौधरी द्वारा टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता बढ़ती जा रही है और अपने चहेतों को लाभ पहुंचाया जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष सीताराम ने पालिका प्रशासन और पालिका अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि रेनवाल नगर पालिका में सैकड़ों बहुमंजिला इमारतें और बिना निर्माण आज्ञा के निर्माण चल रहे हैं, लेकिन नगरपालिका के कर्मचारियों की मिलीभगत होने के कारण रेनवाल शहर मास्टर प्लान के अनुसार निर्माण नहीं होने से शहर की सुंदरता को ग्रहण लगता जा रहा है. 


इसमें अब कोई संदेह नहीं रहा कि पालिका प्रशासन के कर्मचारी और अवैध निर्माणकर्ता की मिलीभगत से कार्य किए जा रहे हैं. जिस ठेकेदार को ठेका दिया जाता है वह अपनी मर्जी करने से बाज नहीं आता है. नियमों को ताक में रखकर कार्य करते हैं और कहीं भी कनिष्ठ अभियंता की देखरेख में नहीं हो रहा है नाम मात्र खानापूर्ति की जा रही है, जिससे रेनवाल बरसात के दिनों में जलमग्न होता हुआ दिखाई देता है. यदि उच्च अधिकारियों और मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो मजबूरन हमें रेनवाल नगरपालिका की तालाबंदी कर और धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.


Reporter: Amit Yadav


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