Jaipur Murder, ransom accused arrested: राजधानी जयपुर के सांगानेर इलाके में हनुमान मीणा के अपहरण कर 1 करोड़ की फिरौती मांग और हत्या के मामले का जयपुर पुलिस ने खुलासा कर दिया है. एडिशनल पुलिस कमिश्नर के कैलाश चंद विश्नोई ने वारदात का खुलासा करते हुए बताया कि इस पूरे मामले में मास्टरमाइंड दिवाकर समेत बृजभान और योगेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया है. हत्या की साजिश रचने में मृतक हनुमान मीणा का बचपन का दोस्त दिवाकर टाक शामिल था जो पेशे से वकील भी है. बड़ी बेरहमी से दिवाकर ने अपने दो दोस्तों के साथ हनुमान के हाथ पैर बांधे, उसके मुंह पर टेप बांध दिया. पूरे मुंह पर टेप बंधने से हनुमान का दम घुटने लगा और हनुमान की मौत हो गई. हत्यारों ने हनुमान के शव को एक प्लास्टिक के कट्टे में बांधकर द्रव्यवती नदी में फेंक दिया.


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सांगानेर थाना इलाके में फिरौती, अपहरण कर हत्या का खुलासा


राजधानी जयपुर के सांगानेर थाना इलाके में फिरौती के लिए युवक का अपहरण कर हत्या करने के मामले का खुलासा हो गया है. पुलिस ने युवक हनुमान मीना का अपहरण कर हत्या करने के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. युवक की हत्या का सूत्रधार कोई और नहीं बल्कि मृतक हनुमान का दोस्त दिवाकर टांक ही निकला. मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल कमिश्नर क्राइम कैलाश चंद्र बिश्नोई ने बताया कि 22 मई को इस संबंध में परिजनों की ओर से गुमशुदगी की रिपोर्ट दी गई थी. हनुमान रोजाना की तरह काम पर गया था लेकिन वापस नहीं लौटा. वहीं कुछ देर बाद फोन के जरिए परिजनों के पास हनुमान के हाथ पैर बांधकर मारपीट करने का वीडियो मोबाइल से भेजकर एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई. परिजनों की सूचना पर पुलिस टीमों ने तकनीकी आधार पर जांच शुरू कर हनुमान की तलाश शुरू की.


पेशे से वकील दोस्त ने रची राजिश


इस दौरान पुलिस ने उसके दफ्तर और परिचितों से संपर्क कर पूछताछ की तो उसके करीबी दोस्त दिवाकर टांक पर संदेह हुआ. पुलिस ने दिवाकर से पूछताछ की तो वारदात का खुलासा हो गया. पूछताछ के बाद पुलिस ने दिवाकर के साथी योगेंद्र सिंह और बृजभान को भी गिरफ्तार कर लिया. प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि दिवाकर और हनुमान पुराने साथी थे. पैसों के लालच के चलते दिवाकर ने एक फ्लैट किराए पर लिया और वहां हनुमान को कॉफी पीने के बहाने बुलाकर बंधक बना लिया. इस दौरान तीनों आरोपियों ने उसके हाथ पैर और मुंह पर मेडिकल टेप लपेट दी. अधिक टेप लगने से सांस बंद हो गई और हनुमान की मौत हो गई. जिसके बाद तीनों ने मौका पाकर हनुमान के शव को बोरे में रखकर नाले में फेंक दिया.


पैसों के लालच ने बना दिया हैवान


22 मई  को मृतक हनुमान के पिता जगदीश मीणा ने सांगानेर थाने पर एक रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उनका बेटा हनुमान मीणा सुबह घर से निकला था जो अभी तक नहीं लौटा. जिस पर सांगानेर थाने ने गुमशुदगी दर्ज कर गुमशुदा की तलाश शुरू की. ठीक इसके अगले ही दिन हनुमान के पिता जगदीश मीणा ने थाना सांगानेर फिर पहुंचे और पुलिस को बताया कि उनके बेटे हनुमान के व्हाट्सएप नंबर से हनुमान को को बंधक बनाने का वीडियो आया है जिसमें 1 करोड़ रूपये की फिरौती मांगी गई है. इसके बाद पूरे मामले में अपहरण कर फिरौती मांगने का मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए स्पेशल टीमें गठित की. 


व्हाट्सएप नंबर से 1 करोड़ रूपये की फिरौती मांगी



पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक हनुमान मीणा का अपहरण उसी के बचपन के दोस्त दिवाकर टाक ने दो सगे भाइयों योगेन्द्र सिंह उर्फ मिन्टू और बृजभान सिंह ने आपसी षड्यंत्र रचकर किया है. जिन्होनें अपहरण करने की तारीख 22 मई को ही पुलिस थाना सांगानेर में हनुमान मीणा की अपहरण की रिपोर्ट दर्ज होने से पहले ही हनुमान मीणा की हत्या कर दी और मृतक की लाश को प्लास्टिक के कट्टे में डालकर पहले से तय योजना के षड्यंत्र के तहत 5-5 किलो के बजनी लोहे के बांट खरीदकर लाश के साथ प्लास्टिक के कट्टे में डालकर लाश को द्रव्यवती नदी के नाले में फेंक दिया. पुलिस ने मृतक हनुमान मीणा की लाश को गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर द्रव्यवती नदी से बरामद कर आरोपी योगेन्द्र सिंह चौहान, बृजभान सिंह और दिवाकर टांक को गिरफ्तार किया है.


पूरी वारदात का मास्टरमाइंड दिवाकर टांक 


इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड दिवाकर टांक है, जो कि पेशे से सांगानेर कोर्ट में वकील है, दिवाकर मृतक हनुमान मीणा का बचपन का दोस्त था जो मृतक हनुमान के पिता जगदीश मीना का परिचित भी था और उसका मृतक हनुमान के घर आना-जाना था और उसे ये भी पता था कि उसके दोस्त हनुमान मीणा के पिता के पास काफी पैसा है. हत्यारा दिवाकर टांक और योगेन्द्र सिंह चौहान आपस में दोस्त थे और योगेन्द्र सिंह का बड़ा भाई बृजभान सिंह भी दिवाकर टाक का जानकार था. दिवाकर टाक ने योगेन्द्र और बृजमान को बताया कि मृतक हनुमान मीना का अपहरण कर मोटी रकम ऐंठी जा सकती है.


सरस डेयरी में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता था मृतक 


योजना के मुताबिक आरोपी योगेन्द्र सिंह उर्फ पिन्टू ने मृतक हनुमान मीणा के घर के पास सन स्क्वायर अपार्टमेंट में फ्लैट नम्बर 509 को 13,500 रूपये प्रतिमाह योजना के मुताबिक करीब 2 माह पहले किराये से लिया. मृतक हनुमान मीणा जो कि सरस डेयरी में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता था. करीब डेढ़ साल पहले कपड़ों के व्यापार के संबंध में आरोपी योगेंद्र सिंह ने हनुमान को संपर्क किया था लेकिन हनुमान उससे नहीं मिला. प्लानिंग के मुताबिक अपहरण और हत्या 22 मई के दिन सुबह आरोपी योगेंद्र ने हनुमान को एक बार फिर बिजनेस के काम के लिए कॉल किया और हनुमान इस पर राजी हो गया.


तीनों आरोपियों ने मिलकर पहले कॉफी पिलाई फिर मुंह पर टेप लगाई


योगेंद्र ने हनुमान को मिलने के लिए सन स्क्वायर अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 509 पर बुलाया जहां तय प्लान के हिसाब से हनुमान के बचपन का दोस्त एडवोकेट दिवाकर और योगेंद्र का भाई बृजभान पहले से मौजूद थे. हनुमान के मौके पर पहुंचने पर तीनों आरोपियों ने मिलकर मृतक हनुमान मीणा को पहले कॉफी पिलाई और आरोपी योगेन्द्र ने पूर्व योजना के तहत हनुमान मीणा का मुंह हाथ से बंद कर दिया और बृजभान ने उसके पीछे से हाथ पकड़ लिये और योगेन्द्र ने हनुमान मीणा के मुंह पर टेप लगा दिया.


तड़पते हुए विडियो और फोटो शूट किया


इसके बाद मृतक हनुमान मीणा को तीनों आरोपियों ने बताया कि हम तेरे फिरौती लिये तेरे घरवालों से एक करोड़ रूपये मांगेंगे जिसमें तुझे भी हिस्सा मिलेगा. मृतक हनुमान मीणा मुह बंद होने के चलते बोल नहीं पा रहा था. आरोपियों ने प्लानिंग के तहत खरीदी हुई रस्सी, टेप से मृतक हनुमान मीणा के मुंह और हाथ बांधकर उसको बेड पर लिटा दिया.


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मास्टरमाइंड दिवाकर को शक था कि मृतक को यदि छोड़ दिया गया तो वो वापिस जाकर उसके पिता को उसके बारे में बता देगा. जिस पर उसने दोनों सगे भाईयों के साथ मिलकर मृतक हनुमान मीणा के मुंह पर टेप चिपका दी और उसके तड़पते हुए का विडियो और फोटो बना लिये. मृतक के मुंह पर टेप चिपका देने के बाद सभी आरोपी उसे कमरे से बाहर आ गये और कुछ समय बाद मृतक हनुमान मीणा की सांस रुक जाने के चलते मौत हो गई.


दम घुटने से हुई  हनुमान मीणा की मौत 



मृतक हनुमान की मोटरसाइकिल को आरोपी बृजभान सिंह ने हनुमान के कपड़े पहन कर जयपुर के तारों की कूट सांगानेर इलाके के पास सड़क पर छोड़ दी और वापिस अपने फलेट पर आ गये. 22 मई को दिनभर आरोपी इस जुगत में लगे रहे कि हनुमान मीणा की लाश को कब और कैसे ठिकाने लगाया जाए. 22 मई की रात को ही आरोपी बृजभान सिंह, योगेन्द्र सिंह ने खुद की कार में मृतक की लाश को प्लास्टिक के कट्टे में 5-5 किलो के लोहे के 2 बाट डालकर रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुये करीब सुबह 3 बजे सीतापुरा क्षेत्र के द्रव्यवती नदी के नाले में फेंक दिया.


लाश को प्लास्टिक के कट्टे में डाल नदी में फेंका 


और उसी रात को उसी कार से बृजभान सिंह द्वारा अजमेर रोड टोल प्लाजा के पास पहुंचकर मृतक हनुमान मीणा का फोन ऑन करके मृतक हनुमान मीणा के पिता जगदीश मीणा को व्हाटसऐप से एक वीडियो और फोटो भेजे और व्हाटसअप कॉल करके कहा कि यह वीडियो देख लो और फोन काट दिया.


पिता जगदीश मीणा को व्हाटसएप से वीडियो और फोटो भेजे 


उसके तुरंत बाद हनुमान के पिता जगदीश मीणा का कॉल आया तो आरोपी बृजभान सिंह ने कहा कि एक करोड़ रूपये की 25 मई तक व्यवस्था करो यदि इस विडियो के बारे में किसी को बता दिया तो तुम्हारे बेटे को जहन्नुम में पहुंचा दूंगा. उसके बाद एक व्हाट्सएप मैसेज टाइप करके और भेज दिया और फोन बंद कर दिया.