Jaipur Session Court: बोहरा की ओर से इन प्रार्थना पत्रों में कहा गया था कि उसके डीएनए की जांच की जाए और उसके मोबाइल का परीक्षण भी दुबारा करवाया जाए. इसके अलावा उसने मौका-मुआयना भी पुन: करवाने की कोर्ट से गुहार की थी. इन प्रार्थना पत्रों के जवाब में एसीबी का कहना था कि यह मामला दुष्कर्म के प्रयास का है और इसमें आरोपी के डीएनए जांच की जरूरत नहीं है. वहीं, आरोपी के मोबाइल फोन और घटनास्थल का मौका-मुआयना की जांच हो चुकी है.


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 ऐसे में इन्हें वापस कराने की जरूरत नहीं है. आरोपी के तीनों प्रार्थना पत्र आधारहीन हैं और मामले में देरी करने के लिए दायर किए गए हैं. प्रकरण में अभियोजन पक्ष के करीब 22 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. ऐसे में आरोपी के तीनों प्रार्थना पत्रों को खारिज किया जाए.


जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीनों प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि पीडिता ने मार्च 2021 में एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसने जवाहर सर्किल थाने में एक युवक सहित अन्य के खिलाफ दुष्कर्म व धोखाधडी करने के तीन मामले दर्ज कराए थे.


 जिसकी जांच महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट के एसीपी कैलाश बोहरा के पास थी. केस में कार्रवाई की एवज में बोहरा ने पहले उससे पचास हजार रुपए लिए और बार में अस्मत भी मांगी. इस दौरान 14 मार्च को बोहरा ने पीड़िता को अपने ऑफिस बुलाकर कमरा बंद कर लिया था. इस दौरान एसीबी ने बोहरा को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा था. वहीं बाद में राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए बोहरा को बर्खास्त कर दिया था.


Reporter- mahesh pareek