नई दिल्ली: NIA History: एक दौर था जब भारत में हर कुछ महीनों में आतंकी हमले हुआ करते थे. लेकिन बीते कुछ सालों से इनकी संख्या में गिरावट आई है. इसका बड़ा भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को जाता है. 2024 में NIA का सक्सेस रेट 100 प्रतिशत रहा है. NIA ने साल 2024 में 80 मामले दर्ज किए, इनमें 210 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
ऐसी रही NIA कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक NIA के पास वामपंथी उग्रवाद (LWE) के 28, नॉर्थ ईस्ट उग्रवाद के 18, जम्मू-कश्मीर में जिहाद से जुड़े 7, विस्फोटक पदार्थ के 6, मानव तस्करी के 5, अन्य जिहाद के 4, खालिस्तानी आतंकवाद के 4, ISIS के 2, गैंगस्टर, साइबर आतंकवाद, एफआईसीएन और अन्य श्रेणियों के 1-1 मामले दर्ज हैं. कई आतंकवादी, गैंगस्टर और अन्य आपराधिक गिरोह को खत्म करने के दौरान 19.57 करोड़ रुपए की कुल 137 संपत्तियां कुर्क की गई.
कब बनी NIA?
NIA एक केंद्रीय एजेंसी है, जिसका गठन एनआईए अधिनियम, 2008 के तहत हुआ. दरअसल, मुंबई हमले के बाद देश में यह एजेंसी स्थापित की गई थी. इस एजेंसी में 649 कर्मचारी कार्यरत हैं. यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है.
NIA के पास क्या-क्या शक्तियां?
NIA आतंकवाद, मानव तस्करी, जाली मुद्रा, अपराध, साइबर आतंकवाद, विस्फोटक पदार्थ, प्रतिबंधित हथियारों आदि मामलों के जांच कर सकती है. NIA के अधिकारियों के पास इस अपराधों की जांच का अधिकार पुलिस जैसा ही होता है. NIA संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों, अंतरराष्ट्रीय संधियों और समझौते को लागू करवाना भी हैै. NIA को दिए फे अधिकारों के कारण ही ये एजेंसी आतंकियों का काल बनी.
NIA में कौन-कौन काम करता है?
NIA में काम करने वाले अधिकारी इंडियन पुलिस सर्विस (IPS), भारतीय राजस्व सेवा (IRS), राज्य पुलिस, CRPF, ITBP, BSF आदि ए चुने जाते हैं. सीधी परीक्षा के जरिये इसमें बाहरी और नए लोगों को भी रिक्रूट किया जाता है.
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