Jaipur news: अवैध वाहनों के संचालन को लेकर इन दिनों परिवहन विभाग सख्त है. दिल्ली रूट पर चल रही अनाधिकृत बसों को लेकर जयपुर आरटीओ द्वितीय की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है. लोकल जयपुर के स्टेज कैरिज या डिवीजनल परमिट उठाकर बिना टैम्पररी परमिट के दिल्ली तक संचालित होने वाली इन बसों पर कार्रवाई की जा रही है. दरअसल परिवहन विभाग (Transport Department)के प्रमुख सचिव आनंद कुमार और परिवहन आयुक्त मनीषा अरोड़ा ने चुनाव अवधि के दौरान बसों की जांच के निर्देश दिए हुए हैं. दरअसल कुछ बस संचालक दूसरे राज्यों में बसें पंजीकृत करवाकर प्रदेश में टैक्स देने से बच रहे हैं.


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अनाधिकृत परिवर्तन कराकर  बसें संचालित 
 अन्य राज्यों में पंजीकृत वाहनों में अनाधिकृत परिवर्तन कराकर ये बसें संचालित की जा रही है. सिटिंग कैपेसिटी बढ़ाने, गाड़ी को सीमा से अधिक बढ़ाकर सीटें बढ़ा लेने, छत पर कैरियर लगाकर माल ढोने या चैसिस को काटकर मनमाने तरीके से सिटिंग अरेंजमेंट कर लेने के मामलों में बसों पर कार्रवाई की जा रही है.


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राज्य सरकार के टैक्स इवेजन रोकने व अनाधिकृत परिवर्तन के कारण होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जयपुर आरटीओ की ओर से अभियान चलाया जा रहा है.पिछले 3 माह में करीब 50 बसें सीज की गई हैं.अनाधिकृत बॉडी या सिटिंग अरेंजमेंट हटाने तक बसों की आरसी निलंबित की गई। परिवर्तन हटाने के बाद आरसी बहाल की गई हैं.


क्या कार्रवाई की है परिवहन विभाग ने ?


- वर्तमान में करीब 15 बसें चंदवाजी, शाहपुरा और कोटपूतली थाने में सीज
- फर्जी चैसिस नंबर की गाड़ियां पकड़े जाने पर मुकदमे दर्ज कराए गए


- करीब 150 बसों को राज्य के कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के दायरे में लाया गया
- ये बसें कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के तौर पर चल रही थीं, लेकिन इसका टैक्स नहीं दे रही


- प्रति बस 30 से 40 हजार रुपए टैक्स नहीं चुकाने के हैं आरोप
- 150 बसों के राज्य के कॉनट्रैक्ट कैरिज टैक्स के दायरे में आने से मिलेगा राजस्व


- अनुमान के मुताबिक करीब 45 लाख रुपए प्रति माह राजस्व मिल सकेगा
- परिवहन आयुक्त डॉ. मनीषा अरोड़ा कर रहीं लगातार मॉनिटरिंग


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