Jaipur news: पाक खुफिया एजेंसी ISI की महिला एजेंट के हनी ट्रैप में फंसकर सामरिक महत्व की सूचनाएं साझा करने के वाले जासूस को इंटेलीजेंस पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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Jaipur news: पाक खुफिया एजेंसी ISI की महिला एजेंट के हनी ट्रैप में फंसकर सामरिक महत्व की सूचनाएं साझा करने के वाले जासूस को इंटेलीजेंस पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.ISI को सोशल मिडिया के माध्यम से खुफिया जानकारी दे रहा युवक नरेन्द्र कुमार बीकानेर जिले के खाजूवाला का रहने वाला है. जिसे राजस्थान इंटेलिजेंस टीम ने गिरफ्तार किया है.आरोपी दो महिलाओं के संपर्क में था,पाक एजेंट थी.
ADG Intelligenceएससेंगथिर ने बताया कि आरोपी युवक दो महिला एजेंट के संपर्क में था और पिछले करीब सालभर से बॉर्डर इलाके की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए शेयर करता रहता था. हनीट्रेप के माध्यम से दोनों महिला एजेंट आरोपी युवक से फोटो,वीडियो और खबरें मंगवाती रहती थी.
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ADG Intelligence ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपनी महिला एजेंट के जरिए हनी ट्रेप के माध्यम से सैनिको,रक्षा, जलदाय विभाग, विद्युत विभाग, रेलवे के कर्मचारी, वैज्ञानिकों,सेना के राशन सप्लायर्स, ठेकेदारों और बॉर्डर क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को निशाना बनाते हैं.
शादी का झांसा दे उठाया फायदा
पूछताछ में पता चला कि वह फेसबुक पर पूनम बाजवा नामक महिला के संपर्क में था. पूनम बाजवा नामक लड़की ने खुद को पंजाब के भटिंडा निवासी बताते हुए B S f में डाटा एंट्री ऑपरेटर पद पर कार्य करना बताया.महिला ने आरोपि से दोस्ती कर शादी का प्रलोभन दिया और अपने व्हाट्सएप नंबर देकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित संवेदनशील सूचनाएं मंगवाने लगी.शादी करने का झांसा दे सड़क, पुल, बीएसएफ पोस्ट,टावर,आर्मी की गाड़ियों की फोटोग्राफ वीडियो प्राप्त करती रही.
Indian mobile number बनाती है अकाउंट
आरोपी के मोबाइल की जांच में तथ्यों की पुष्टि होने पर शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है. पाकिस्तान की महिला एजेंट भारत के मोबाइल नंबर से सोशल मीडिया अकाउंट ओपन करयुवाओं को निशाना बनाती है. Indian mobile numberहोने के कारण उन पर किसी को शक नहीं होता है.
ADG Intelligence ने बताया अनजान पुरुष या महिला को बिना पहचान के दोस्त बनाना, मोबाइल नंबर या ओटीपी शेयर करना और सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण सूचना साझा करना कानूनी अपराध हैं.सामरिक सूचनाएं साझा करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन जाता है.