Jhunjhunu: पापा की परी तो आपने खूब सुना होगा, आज हम आपको मिलवाते है पापा की पायलट बेटी से. आज फादर्स डे (Father's Day) है. पिता के सपनों को पूरा करने वाले बेटे-बेटियों और विपरीत हालातों में परिवार को संभालने वाले फादर्स की आपने खूब कहानियां पढ़ी, सुनी या फिर देखी होंगी. लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं झुंझुनूं जिले की उस बेटी की कहानी, जो एक मिसाल बन गई है. 


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झुंझुनूं जिले के पिलानी (Pilani) के समीप कुलहरियों का बास निवासी किसान बहादुर सिंह-मीको देवी की पोती तथा गुरुग्राम में मारूति सुजूकी में डीजीएम आईटी रामावतार-डॉ. विजयलक्ष्मी कुलहरि की बेटी कृतिका कुलहरि (Kritika Kulhari) ने अपने पिता के सपनों को खुद पूरा कर फादर्स डे पर एक शानदार तोहफा दिया है. 


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जी, हां झुंझुनूं की कृतिका कुलहरि (Kritika Kulhari) भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में कल ही फ्लाइंग ऑफिसर (Flying officer) के बतौर शामिल हुई. करीब एक साल की ट्रेनिंग के बाद कृतिका पासिंग आउट परेड में शामिल हुए और उन्हें फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में वायु सेना में शामिल किया गया. 


क्या कहना है कृतिका के पिता का
कृतिका के पिता रामावतार ने बताया कि उनके बड़े भाई केआर कुलहरि भी नेवी में कमांडर हैं. परिवार में हमेशा सेना में सेवा करने वाला संदेश मिला. ऐसे में वे भी सेना में जाना चाहते थे. इसलिए उन्होंने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में पढ़ाई की लेकिन सेना में शामिल नहीं हो सके. जब उनके इस सपने के बारे में उनकी बेटी कृतिका को पता चला तो उन्होंने अपने पिता के सपने को खुद का सपना बना लिया और जुट गई उसकी तैयारी में. अब करीब 25 साल की उम्र में कृतिका ने अपनी जी तोड़ मेहनत के बाद वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर बन गई है. कल डूंडीगल स्थित भारतीय वायु सेना अकादमी में उन्हें ट्रेनिंग के बाद सेना में शामिल कर लिया गया, जिसके बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. 


पहले आर्मी में सलेक्शन, दो महीने बाद वायु सेना में मूव
कृतिका के पिता रामावतार कुलहरि और मां डॉ. विजय लक्ष्मी कुलहरि ने बताया कि कृतिका ने एनसीसी के तहत भारतीय स्थल सेना में भी एंट्री की. उन्होंने एनसीसी के तहत हुई चयन प्रक्रिया में पूरे इंडिया में पहला स्थान प्राप्त किया और सेना में शामिल होकर ट्रेनिंग करने चेन्नई चली गई. लेकिन उसका मन वायुसेना में जाने का था. दो महीने बाद ही जब उसका चयन वायु सेना में हुआ तो उसने स्थल सेना से वायु सेना की ओर मूव कर दिया. इससे पहले कृतिका ने क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बेंगलुरू से क्लिनिकल साइकोलॉजी से पीजी करने के बाद उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (एनआईएमएचएएनएस) में 6 महीने की सर्विस भी की. 


बर्थ डे की तीन दिन पहले मिली खुशी
कृतिका कुलहरि का बर्थ डे भी 22 जून को है. ऐसे में हैदराबाद स्थित भारतीय वायु सेना अकादमी डूंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) के अंतर्गत ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच में प्रथम पुरस्कार रूप में प्रेसिडेंट्स प्लैक अवार्ड से भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के हाथों सम्मानित होकर कृतिका को खुशी मिली है. वे ना केवल अब फ्लाइंग ऑफिसर कृतिका कुल्हरि के रूप में भारतीय वायु सेना में अपनी सेवाएं देंगी बल्कि उन्होंने ट्रेनिंग में भी अपना बेस्ट देकर अवार्ड प्राप्त किया है. रामावतार कुलहरि के मुताबिक कृतिका अपने गांव व पास पड़ोस के इलाके की वह प्रथम महिला हैं, जिन्होंने वायु सेना में अधिकारी पद प्राप्त किया है.


परिवार के सदस्य आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में
रामावतार कुलहरि ने बताया कि उनके बड़े भाई केआर कुलहरि नेवी में कमांडर थे. तो वहीं उनके छोटे भाई सुमेरसिंह भी नेवी में ही कार्यरत थे. दोनों भाई फिलहाल रिटायर हो गए है. वहीं उनके भाई केआर कुलहरि की बेटी डॉ. कंचन कुलहरि आर्मी में सेवाएं दे रही है. कृतिका का भाई सौम्य कुलहरि फिलहाल देहरादून में पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी से बीटेक कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहा है. कृतिका और सौम्य, दो भाई बहन हैं.



Reporter- Sandeep Kedia