Jaipur: प्रदेश की प्यास बुझाने वाले जलदाय विभाग में इन दिनों चीफ इंजीनियर की कुर्सी के लिए, दावेदारों की प्यास बढ़ती जा रही है. एक तरफ चीफ इंजीनियर ग्रामीण सीएम चौहान आज  रिटार्यड हो गये हैं, उसके बाद विभाग में चीफ की कुर्सी के लिए हुकुमचंद का हुकुम होगा या फिर देवराज सौलंकी का राज बढे़गा.केडी गुप्ता का पत्ता कटेगा या फिर मुकुल भार्गव के सिर सजेगा चीफ का ताज.आखिर क्या है.चीफ इंजीनियर की कुर्सी के समीकरण.


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हुकुमचंद वर्मा वर्सेज देवराज सौलंकी
जलदाय विभाग में चीफ की कुर्सी में सबसे बड़ी दावेदारी एडिशनल चीफ इंजीनियर हुकुमचंद वर्मा की है. हुकुमचंद वर्मा देवराज सोलंकी से सीनियर है. वहीं इससे पहले सीएम चौहान एससी कोटे से चीफ इंजीनियर बने थे और अब हुकुमचंद वर्मा अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं में एससी कोटे से सबसे सीनियर है, इस साल की डीपीसी में हुकुमचंद का नाम भी शामिल हैं. ऐसे में हुकुमचंद की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. देवराज सौलंकी हुकुमचंद से जूनियर है. हालांकि सौलंकी का 2020 की डीपीसी में नाम आया था, लेकिन उस समय सौलंकी चीफ इंजीनियर नहीं बन पाए थे.


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रिटारमेंट के बाद चीफ बने थे SK जैन
2020 में वित्तीय वर्ष में डीपीसी होनी थी, लेकिन इससे पहले ही जुलाई में अतिरिक्त मुख्य अभियंता एसके जैन ट्रैपकांड में गिरफ्तार हो गए थे. उस समय चीफ इंजीनियर की कुर्सी के लिए पैनल में उनका नाम था. बाद में हाईकोर्ट ने पीएचईडी को रिव्यू डीपीसी करने के आदेश दिए थे. एसके जैन रिटार्यड होने के बाद चीफ इंजीनियर बने. वित्तीय वर्ष अप्रैल से शुरू होता और ट्रैप में एसके जैन की गिरफ्तारी जुलाई में हुई थी. इसलिए एसके जैन को रिटायरमेंट के बाद भी चीफ इंजीनियर बनाया गया.


रिव्यू डीपीसी से पलट सकता पासा


यदि सरकार रिव्यू डीपीसी के आधार पर रिव्यू डीपीसी करती है तो वरिष्ठता के हिसाब से मुकुल भार्गव को फायदा मिलेगा. मुकुल भार्गव इसी साल 31 अगस्त को रिटार्यड हो जाएंगे. इसके बाद देवराज सौलंकी सीनियर एडिशनल चीफ इंजीनियर होंगे और पोस्ट खाली होने का फायदा सौलंकी को मिल सकेगा. के.डी गुप्ता चीफ इंजीनियर रेस में बाहर हो जाएंगे, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि केडी गुप्ता को बिना डीपीसी किए इस साल पहले ही चीफ इंजीनियर बनाया गया है, लेकिन रिव्यू डीपीसी के बाद गुप्ता चीफ इंजीनियर की कुर्सी छोड़कर एडिशनल चीफ इंजीनियर की कुर्सी पर बैठना होगा.


 


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