कोटपूतली: यूरिया को लेकर जबरदस्त मारामारी, हजारों की संख्या में खाद लेने पहुंचे किसान
Kotputli, Jaipur News: राजस्थान के कोटपूतली में यूरिया खाद की किल्लत से किसान परेशान है. जिसको लेकर किसान अल सुबह से ही दुकानों पर खाद लेने पहुंत जाते है, लेकिन फिर भी किसान को खाद नहीं मिल पा रहा है.
Kotputli, Jaipur News: प्रदेश में इन दिनों यूरिया खाद की भारी किल्लत देखने को मिल रही है, जिसको लेकर किसानों को अच्छा खासा परेशान होना पड़ रहा है. किसान भूखा प्यासा अल सुबह से ही परिवार के साथ लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होता नजर आ रहा है, लेकिन फिर भी किसान को खाद नहीं मिल पा रहा है.
कोटपूतली में पिछले 7, 8 दिनों से यूरिया खाद की किल्लत नजर आ रही है, जिसको लेकर किसान बहुत परेशान नजर आ रहा है. किसान अपने परिवार सहित अल सुबह से ही खाद की दुकानों के आगे भूखा-प्यासा कई घंटों तक लाइनों में खड़ा रहता है, लेकिन फिर भी किसान को खाद नहीं मिल पा रहा है. साथ ही पुलिस की लाठियों का भी समना करना पड़ा रहा है.
आज कोटपूतली के पूर्वा सिनेमा के पास ओम ट्रेड्स पर एक ट्रेलर में 800 सौ के करीब यूरिया खाद के कट्टे आए, जिसको लेकर करीब 4 हजार के करीब किसान यूरिया लेने दुकान पर पहुंच गए, जहां दुकानदार ने भारी भीड़ देखते हुए पुलिस को सूचना दी है. पुलिस ने दोनों और लंबी लाइनें लगवाई, जिसमें महिलाओं को अलग से कतार लगानी पड़ी है. इस दौरान शहर में यातायात की समस्या हो गई. जाम की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने अतिरिक्त जाब्ता बुलवाया और यातायात सुचारू करवाया.
वहीं किसानों का कहना है कि जिस तरह आज किसान यूरिया खाद के लिए परेशान हो रहा है, उसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार को यूरिया की पूर्ति करवाने की अति आवश्यकता है, जिसको लेकर दोनों सरकारों को कारगर कदम उठाने की आवश्यकता है. वहीं यूरिया खाद का वितिरण कर रहे दुकानदार का कहना है कि अतिरिक्त यूरिया खाद की दो गाड़ियों के लिए कह दिया गया. आज शाम या कल सुबह तक जयपुर से गाड़िया आ जाएगी. सभी किसानों को यूरिया बाट दिया जाएगा.
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आज 800 सौ कट्टे बांटे गए है, लेकिन जिस तरह से व्यवस्था दिख रही है, उससे कही नजर नहीं आता है कि किसानों में खाद की पूर्ति हो जाएगी. साथ ही किसानों का कहना है कि एक किसान को एक यूरिया का कट्टा दिया जा रहा है, जबकि बहुत से किसानों के जमीन ज्यादा है, जिसमें कम से कम 3 से 4 कट्टों की आवश्यकता होती है. एक-एक कट्टे से किसान की फसल खराब होती नजर आ रही है, लेकिन अब देखना है कि इन धरतीपुत्रों की सरकारें किस प्रकार सुन पाती है.
Reporter: Amit Yadav
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