प्रशासन शहरों के संग अभियान में नगर निगम हैरिटेज फिसड्डी, 1730 आवेदन हुए निरस्त
राज्य सरकार के लगातार दिशा-निर्देशों और सीएम की डांट के बाद भी अफसर प्रशासन शहरों के संग अभियान को फेल साबित करने में लगे हुए हैं.
Jaipur: लोगों को उनके मकान, जमीनों के टाइटल देने (पट्टे देने) के लिए गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने चलाया सबसे बड़ा अभियान प्रशासन शहरों के संग में नगर निगम हैरिटेज फिसड्डी साबित हो रहा है.
नगर निगम हैरिटेज (Nagar Nigam Heritage) में पिछले दो महीने के अंदर पट्टों के लिए 5700 आवेदन मिले है, लेकिन उनमें से केवल 7 फीसदी आवेदकों को ही अब तक पट्टे जारी हुए है, जबकि 1730 आवेदन ऐसे है, जिनको अधिकारियों-कर्मचारियों ने निरस्त करते हुए पट्टे देने से मना कर दिया है.
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राज्य सरकार (State Government) के लगातार दिशा-निर्देशों और सीएम (Chief Minister) की डांट के बाद भी अफसर प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan shehro Sang Abhiyan) को फेल साबित करने में लगे हुए हैं. नगर निगम हैरिटेज की ओर से जारी अपने रिपोर्ट कार्ड में बताया कि पिछले दो महीने के अंदर पट्टों के लिए 5700 आवेदन मिले है, लेकिन उनमें से केवल 7 फीसदी आवेदकों को ही अब तक पट्टे जारी हुए है. जबकि 1730 आवेदनों को निरस्त किया गया है.
उनमें अधिकांश आवेदन गैर मुमकिन पहाड़ी, गैर मुमकिन रास्ता, तालाब, कब्रिस्तान, नाले की जमीन पर बने मकानों के थे. इसके अलावा कुछ मामलों में कृषि भूमि पर और खातेदारी की जमीन पर बनाए मकानों के है, इस तरह के कुल 725 मामले थे. कृषि भूमि (Agricultural land) और खातेदारी की जमीन पर नगर निगम ने 90ए करने से मना कर दिया, जिसके कारण इन लोगों को पट्टे जारी नहीं किए गए. 90ए नहीं कर पाने के कारण 20 मामले निरस्त किए गए. इसके अलावा फोरेस्ट, स्कूल, नदी-नाले की जमीन पर बने मकानों के संबंधित 546 मामले थे, जिने निरस्त किया गया. नगर निगम में आए 439 आवेदन ऐसे भी निरस्त किए गए जिनमें दस्तावेज पूरे नहीं थे.
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नगर निगम प्रशासन को प्रशासन शहरों के संग अभियान में अक्टूबर महीने के अंदर 2500 पट्टे देने का टारगेट दिया था, लेकिन अब तक निगम की तरफ से केवल 391 पट्टे ही जारी किए गए है. इसमें सबसे ज्यादा कच्ची बस्तियों के है, जो पहले से रेगुलाइज है. कच्ची बस्ती में रहने वाले 179 परिवारों को पट्टे जारी किए है. वहीं, स्टेट ग्राण्ट एक्ट के तहत 111 पट्टे दिए है. वहीं, 5700 में से 2754 आवेदन ऐसे है जो नगर निगम में अभी पेडिंग पड़े है.
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इनमें सबसे ज्यादा मामले दस्तावेजों की कमी (lack of documents) के कारण जोन उपायुक्त और नीचले लेवल पर पेंडिंग है. वहीं, 740 से ज्यादा ऐसे मामले है, जो केवल मौका रिपोर्ट करवाने के कारण अटके पड़े है. जबकि राज्य सरकार ने कई मामलों में मौका रिपोर्ट करवाने पर छूट दे रखी है.