Jaipur: निर्जला एकादशी पर छोटीकाशी के मंदिरों में विशेष झांकी सजाई गई. सुबह से ही मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पडा. निर्जला एकादशी का 24 एकादशियों में सर्वाधिक महत्व होने से लोग निर्जल रहकर उपवास कर भगवान विष्णु की आराधना की गई.


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लोगों को गर्मी से राहत के लिए ठंडे पानी, शर्बत, नींबू की शिकंजी, ठंडाई आदि का वितरण का पुण्य लाभ प्राप्त किया. शहर के आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर, बड़ी चौपड़ पर लाडली जी मंदिर, कनक वृंदावन मंदिर, पुरानी बस्ती के गोपीनाथजी, चौड़ा रास्ता के राधा दामोदरजी, चांदनी चौक के आनन्दकृष्ण बिहारी जी सहित अन्य मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना के साथ ही जलविहार की झांकियां भी सजाई गईं.


ठंडी तासीर के पकवान ठाकुरजी को अर्पित करने का विधान
ठाकुरजी को ऋतु फल और व्यंजनों का भोग भी लगाया गया. इस दिन लोगों ने जरूरतमंद को अन्न, कपड़े और जरूरत की वस्तुओं के साथ गर्मी में लोग प्याउ पर मटके दान किए. हिंदू धर्मग्रंथों में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन जल कुंभ, रसीले फलों के साथ ही ठंडी तासीर के पकवान ठाकुरजी को अर्पित करने का विधान है. 


गर्भग्रह में फव्वारे लगाए गए
निर्जला एकादशी के मौके पर आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में जल यात्रा उत्सव के तहत जलविहार की झांकी सजाई गई. सुबह से ही तेज गर्मी के बाद भी भक्त ठाकुरजी की भक्ति में लीन नजर आए. ठाकुरजी को शीतलता प्रदान करने के लिए गर्भग्रह में फव्वारे लगाए गए. ठाकुरजी को सूती धवल पोशाक धारण करा ऋतुपुष्पों से मनोहारी श्रृंगार सजाया गया. इस दौरान गोविंद देवजी को रसीले फलों का भोग अर्पित किया गया.


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