किसानी ही नहीं उद्योग भी लगाएंगे राजस्थान के किसान, इस योजना से होंगे मालामाल
Krishi Niryat Protsahan Niti : राजस्थान के किसानों को उधमी बनाने के लिए प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति एवं तदन्तर योजना 2019 के चलाई जा रही है.
Krishi Niryat Protsahan Niti : राजस्थान के किसानों को उधमी बनाने के लिए प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति एवं तदन्तर योजना 2019 के चलाई जा रही है. इस योजना के तहत जो किसान कृषि क्षेत्र में उद्द्योग लगाना चाहता है उसे आर्थिक मदद दी जा रही है.
राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति एवं तदन्तर जारी योजना 2019 में अनुदान किसान वर्ग को योजना लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ रुपये अनुदान के रूप में एवं व्यापारी वर्ग को 25 प्रतिशत (अधिकतम 50 लाख रूपये अनुदान मण्डी से मिलेगा. अनुदान हेतु फाईल बैंक ऋण स्वीकृति के 90 दिन में राजकिसान पोर्टल पर ऑनलाईन करनी होती है.
किसानों को कृषि उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग लगाने पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी. यह सब्सिडी योजना के अनुसार जिलों में सरकार के द्वारा तय उद्योग लगाने पर ही दी जाएगी| इसके लिए सरकार ने जिलों के अनुसार प्रसंस्करण उद्योग का नाम जारी कर दिए हैं.
यह अनुदान लहसुन के लिये प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, कोटा, बाराँ, अनार के लिये बाड़मेर एवं जालौर, संतरे के लिये झालावाड़ एवं भीलवाड़ा, टमाटर और आँवले के लिये जयपुर, सरसों के लिये अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली तथा सवाई-माधोपुर ज़िलों में स्थापित होने वाली इकाइयों को देय होगा। यह अनुदान मिशन अवधि अथवा वर्ष 2023-24, जो भी पहले हो तक के लिये देय होगा।
इस प्रकार है :-
लहसुन – प्रतापगढ़, चित्तौडगढ़, कोटा, बारां
अनार – बाड़मेर एवं जालोर
संतरे – झालावाड एवं भीलवाड़ा
टमाटर – और आंवले – जयपुर
सरसों – अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली तथा सवाई – माधोपुर
जीरा और ईसबगोल – जोधपुर संभाग
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