OBC Reservation In Rajasthan: राजस्थान में एक बार फिर से आरक्षण का मुद्दा गरमा गया है.लेकिन अबकी बार ओबीसी की दूसरी जातियों ने आवाज उठाई है.इस बार उन जातियों ने मामला उठाया,जो देश के बंटवारे के समय बंट गई.अबकी बार ढाढी-मिरासी समाज की 10 जातियों ने फिर से सर्वें करने की गुहार लगाई है.


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कई जिलों में पहले शुरू हुई थी सर्वे की कार्रवाई
सैनी-माली,कुशवाहा समाज के बाद राजस्थान में अब ओबीसी की 10 जातियां आरक्षण के लिए आगे आई है.मिरासी-ढाढी समाज ने फिर से जातीय सर्वे की कार्रवाई शुरू करने की गुहार लगाई है.ढाढी-मिरासी विकास संस्थान ने ओबीसी आयोग अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस भंवरू खान को सर्वें शुरू करने को लेकर पत्र सौपा.


इसके पीछे मिरासी समाज ने आधार रखा है कि 2019 में कई जिलों में सर्वें की कार्रवाई शुरू की गई थी.उसी आधार पर फिर से समाज की जातियों का सर्वे हो.मुस्लिम मिरासी,मांगणियार,ढाढी,लंगा,दमामी,मीर,नगारची,राणा,बायती और बारोट जाति का सामाजिक,आर्थिक,शैक्षणिक रूप से सर्वे किया जाए.


 यजमानों पर निर्भर,कैसे करे गुजारा?
इन जातियों का कहना है कि हमारी जातियों का पुश्तैनी पेशा ग्रामीण अंचल में अपने अपने यजमानों के घरों में सगाई,शादी,नामकरण के अवसरों पर गाना,बजाना,नाचने का कार्य होता है.जिससे अपना गुजारा करते है.


यजमानों पर निर्भरता आज भी बरकरार है.उनका कहना है कि हमारे यजमानों की स्थिति सामाजिक,आर्थिक,शैक्षणिक,राजनैतिक स्थिति कई गुना अच्छी है,लेकिन ओबीसी की इन जातियों को और अधिक आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए.


5 लाख आबादी का दावा
समिति का दावा है कि करीब 5 लाख की आबादी राजस्थान में निवास कर रही है.लेकिन ये जातियां की सामाजिक,आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछडी हुई है.ओबीसी से आरक्षण तो मिल रहा है लेकिन वो उचित नहीं है.इसलिए बार बार सर्वे की मांग की जा रही है.


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