Jaipur: चार सूत्री मांगों को लेकर एक बार फिर से प्रदेश बेरोजगार फिर से आंदोलन की राह पर उतर चुके हैं. आज शहीद स्मारक पर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले महापड़ाव की शुरूआत की गई. टेक्निकल हेल्पर भर्ती में पदों की संख्या 6 हजार करने, पंचायत राज जेईएन भर्ती की विज्ञप्ति जारी करवाने, जूनियर अकाउंटेंट भर्ती को सीईटी से बाहर करने के साथ ही जल्द विज्ञप्ति जारी करने और प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदेश के बेरोजगारों को प्राथमिकता देते हुए बाहरी राज्यों का कोटा निर्धारित करने या खत्म करने की मांग को लेकर आंदोलन की शुरूआत की गई. इसके साथ ही 2 अक्टूबर से प्रदेशभर में हर विधानसभा क्षेत्र में आंदोलन की शुरूआत की घोषणा भी की.


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गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार की ओर से साल 2019 में पेश किए गए पहले बजट में टेक्निकल हेल्पर के 6 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा की थी. इसके साथ ही जनवरी 2022 में जूनियर अकाउंटेंट भर्ती का कैलेंडर जारी करते हुए सितम्बर में इस भर्ती परीक्षा की घोषणा हुई थी, लेकिन अभी तक भर्ती की विज्ञप्ति तक जारी नहीं की गई. साथ ही भर्ती परीक्षा को भी दिसम्बर में सीईटी के साथ करवाने के आदेश जारी किए गए जिसका विरोध शुरू हो चुका है. वहीं, पिछले 13 सालों से पंचायत राज जेईए भर्ती का इंताजर कर रहे बेरोजगारों को सरकार ने बड़ी राहत देते हुए बजट 2019 में पंचायती राज जेईएन के 2100 पर भर्ती की घोषणा की थी जिसके बाद 2100 पदों में 539 पदों को जोड़ने के भी आदेश जारी हुए, लेकिन आज तक भर्ती की विज्ञप्ति तक जारी नहीं हो पाई है.


राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि "सरकार घोषणा तो कर रही है, लेकिन इन घोषणाओं को धरातल पर नहीं उतारा जा रहा है. ऐसे में प्रदेश के बेरोजगारों परेशान हो चुके हैं. सरकार और विपक्ष जब चाहे आंदोलन करती हुई सड़कों पर उतर रही है, लेकिन बेरोजगारों को सड़कों पर उतरने का हक नहीं है. ऐसे में आज चार सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन की शुरूआत की है और जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा."


विभिन्न भर्तियों से जुड़े बेरोजगारों का कहना है कि "सालों से भर्ती का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक ना तो भर्ती की विज्ञप्ति का पता है और ना ही परीक्षा तिथि का, जबकि पंचायत राज जेईएन की भर्ती प्रदेश में निकले 13 सालों का समय बीत चुका है. प्रदेश के बेरोजगार अब परेशान हो चुके हैं. जल्द ही मांग पूरी नहीं होती है तो पूरे प्रदेश में बड़े आंदोलन की शुरूआत होगी."


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