Aarti Niyam : सिर से लेकर पैर तक इतनी बार घुमानी चाहिए आरती, यहां जानें सही नियम, मिलेगा मनचाहा फल
Aarti Karne Ke Niyam : हिंदू धर्म में कोई भी पूजा या धार्मिक अनुष्ठान आरती के बिना अधूरा माना जाता है. रोजाना घर में होने वाली पूजा हो या फिर मंदिर में होने वाली पूजा,आरती बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं, कि आरती करने के भी कुछ नियम हैं, जिनको पूरा नहीं करने पर पूजा का कोई फल नहीं मिलता.
Importance of Aarti in Skanda Purana
पूजा अर्चना और आरती के समय यदि कोई व्यक्ति मंत्र नहीं जानता, पूजा की संपूर्ण विधि नहीं जानता, लेकिन भगवान की हो रही आरती में श्रद्धा पूर्वक शामिल होता है, तो उसकी पूजा जरूर स्वीकार होती है.
Aarti of ghee or camphor
भगवान विष्णु ने कहा है कि जो व्यक्ति घी के दीपक से आरती करता है, उसे स्वर्ग लोक में स्थान मिलता है. कपूर से आरती करने वाले व्यक्ति को अनंत में प्रवेश मिलता है और जो व्यक्ति पूजा में होने वाली आरती के दर्शन करता है, उसे परम पद की प्राप्ति होती है.
आरती के विषय में जरुरी बात
पूजा पाठ में देवी-देवताओं की आरती के बाद जल से आचमन जरूर करवाना चाहिए. इसके लिए दीपक को रखकर पुष्प या फिर पूजा वाले चम्मच से थोड़े से जल लेकर दीपक के चारों ओर दो बार घुमाकर जल को धरती में छोड़ दें. इसके बाद भगवान से अपनी भूल चूक के लिए माफी मांगे.
आरती के दीपक को कितनी बार घुमाना चाहिए
शास्त्रों के अनुसार भगवान के चरणों का चार बार, नाभि का दो बार, मुख की तरफ एक बार और सिर से लेकर चरणों तक सात बार आरती की जानी चाहिए. इस तरह आरती कुल 14 बार घुमाई जानी चाहिए.
आरती का दीपक
आरती का दीपक बहुत पवित्र होता है, उसको सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए. दीपक को हमेशा ऊंची जगह पर रखना चाहिए.