Rajasthan Paper Leak: इन 8 माफियाओं ने लाखों छात्रों के भविष्य का किया बेड़ा गर्क, जानें सरकार कैसे इनपर कसेगी शिकंजा
Rajasthan Paper Leak Case: राजस्थान में प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक होना एक गंभीर मुद्दा है, जिसने न केवल परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को प्रभावित किया,बल्कि युवाओं के भविष्य से भी खिलवाड़ किया. यह मुद्दा न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में एक चुनौती बन गया है. भारतीय जनता पार्टी हो या फिर कांग्रेस हर सरकार में पेपर लिक होते रहे हैं. पेपर लीक होने के बाद सालों से मेहनत कर रहे लाखों की संख्या में बच्चों का भविष्य खराब हो जाता है. आज हम इस आर्टिकल में पेपर आउट करने वाले उन 8 माफियाओं की बात करेंगे, जिन्होंने लाखों छात्र और छात्राओं के करियर को तबाह कर दिया है.
पेपर लीक माफिया जगदीश बिश्नोई
पेपर लीक करने में सबसे बड़ा नाम जो आता है, वो है जगदीश बिश्नोई का. जानकारी के मुताबिक जगदीश बिश्नोई पिछले 15 सालों से परीक्षाओं के पेपर लेकर करता आ रहा है. जगदीश बिश्नोई पेपर लीक करने में सबसे बड़ा सरगना माना जाता है. यह कम काबिलियत वाले बच्चों को अपना शिकार बनाता है और उनसे लाखों रुपये वसूलने के बाद उनकी सरकारी नौकरी लगवा देता था. बता दें कि जगदीश बिश्नोई के खिलाफ पिछले 15 सालों में एक दर्जन से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. जगदीश बिश्नोई ने नर्सिंग भर्ती परीक्षा 2010, पुलिस भर्ती परीक्षा 2007,राजस्थान रोडवेज परिचालक भर्ती परीक्षा 2012 के साथ-साथ राजस्थान पुलिस भर्ती परीक्षा 2014, जूनियर अकाउंटेंट भर्ती परीक्षा 2015 के अलावा सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 और ग्रेड सेकंड टीचर भर्ती परीक्षा 2012 की परीक्षा का क्वेश्चन पेपर लीक करवाया था. बात दें कि जगदीश बिश्नोई ने पुलिस के सामने खुद आत्मसमर्पण कर दिया था.
भूपेंद्र सारण
भूपेंद्र सारण एक पेपर लीक माफिया है, जो दो साल पहले वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में शामिल था. वह इससे पहले भी कई अन्य पेपर लीक मामलों में गिरफ्तार हो चुका है, जैसे कि कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा, सीएचओ, एसआई भर्ती परीक्षा और जेईएन भर्ती परीक्षा. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2022 के पेपर को 100 से अधिक अभ्यर्थियों को बेचा गया था. भूपेंद्र सारण पेपर लीक करने के साथ-साथ फर्जी डिग्रियां बनाकर बेचने का काम भी करता था. वह कई निजी विश्वविद्यालयों से सांठगांठ करके फर्जी डिग्रियां बेचता था. वर्तमान में, वह जेल में है.
हर्षवर्धन मीणा
हर्षवर्धन मीणा दौसा का निवासी है, जो कुछ साल पहले जगदीश बिश्नोई गैंग में शामिल हुआ था. उसका मुख्य काम जरूरतमंद अभ्यर्थियों को ढूंढना और उन्हें पेपर उपलब्ध कराने के लिए डील करना था. जगदीश बिश्नोई की ओर से उसे लीक और सॉल्वड पेपर दिया जाता था. हर्षवर्धन मीणा खुद बिजली विभाग में नौकरी करता था, लेकिन उसने सीएचओ भर्ती परीक्षा, जेईएन भर्ती परीक्षा और एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में शामिल होने के लिए अपनी नौकरी का फायदा उठाया. एसओजी ने उसे गिरफ्तार किया है और वर्तमान में वह जेल में बंद है.
गमाराम खिलेरी
गमाराम खिलेरी एक पेपर लीक माफिया है, जो पहले पटवारी के रूप में काम करता था, लेकिन बार-बार पेपर लीक की घटनाओं में शामिल होने के कारण उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. उसके खिलाफ पेपर लीक से जुड़े 4 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022, जूनियर अकाउंटेंट भर्ती परीक्षा, एसआई भर्ती परीक्षा 2021 और रीट भर्ती परीक्षा 2021 शामिल हैं. गमाराम खिलेरी को इन मामलों में गिरफ्तार किया गया है और वर्तमान में वह जेल में बंद है.
अनिल कुमार मीणा
अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह एक पेपर लीक माफिया है, जिसने दिसंबर 2022 में आरपीएससी की वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पुलिस के अनुसार, शेर सिंह ने आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा से 1 करोड़ रुपये में पेपर खरीदा और फिर इसे 2 करोड़ रुपये में पेपर लीक गैंग के सरगनाओं को बेच दिया. जब शेर सिंह मीणा पुलिस की गिरफ्त में आया, तो इस कांड का पूरा खुलासा हुआ और बाबूलाल कटारा को भी जेल जाना पड़ा. अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा खुद सरकारी स्कूल का वाइस प्रिंसिपल था, लेकिन पेपर लीक में लिप्त पाए जाने पर उसे नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है.
सुरेश ढाका
सुरेश ढाका सांचौर का निवासी है, जो वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 के पेपर लीक मामले में शामिल था. वह जयपुर में एक कोचिंग सेंटर का मालिक था, जिसकी आड़ में उसने पेपर लीक माफियाओं से सांठगांठ की और परीक्षा का पेपर हासिल किया. इसके बाद, उसने अपने गुर्गों के माध्यम से 100 से अधिक अभ्यर्थियों से लाखों रुपये वसूल किए और उन्हें सॉल्वड पेपर दिया. हालांकि इस कांड का खुलासा हो गया और गैंग के कई आरोपी पकड़े गए, लेकिन सुरेश ढाका अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है.
रामकृपाल मीणा
रामकृपाल मीणा जयपुर शहर के त्रिवेणी नगर का निवासी है, जो रीट 2021 परीक्षा के पेपर लीक मामले में मुख्य किरदार था. वह एक निजी स्कूल का संचालक था, लेकिन कुछ अधिकारियों ने उसे जयपुर के शिक्षा संकुल के स्टोर रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी, जहां रीट परीक्षा के पेपर रखे थे. रामकृपाल ने शिक्षा संकुल से पेपर चुराए और फिर सैकड़ों अभ्यर्थियों को बेच दिए. उसकी राजनैतिक पहुंच भी थी, लेकिन अंततः उसे गिरफ्तार होना पड़ा. रीट परीक्षा में 20 लाख से अधिक अभ्यर्थी बैठे थे, लेकिन पेपर लीक के कारण सरकार को लेवल टू का पेपर रद्द करके दोबारा आयोजित करना पड़ा.
अशोक नाथावत
अशोक नाथावत पेपर लीक माफिया जगदीश बिश्नोई का एक प्रमुख सहयोगी था. उसका मुख्य काम प्रतियोगिता परीक्षाओं से पहले उन अभ्यर्थियों को ढूंढना था, जो लाखों रुपये देकर पेपर खरीदने के इच्छुक थे. अशोक नाथावत का नाम सीएचओ भर्ती परीक्षा, ग्रेड सेकंड टीचर भर्ती परीक्षा, जेईएन भर्ती परीक्षा और एसआई भर्ती 2021 की परीक्षा के पेपर लीक में शामिल है. एसओजी ने उसे गिरफ्तार किया है और वर्तमान में वह जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद है.