Jaipur : राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट कैंप के बीच चल रहे सियासी युद्ध में अब दोनों कैंप के नेता, मंत्री, विधायक भी आमने-सामने आ गए हैं. खास तौर पर पिछले कई दिनों से पायलट कैंप के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी (Ved Prakash Solanki) के हमलों के जवाब में मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग (Dr Subhash Garg) ने कल रात ट्वीट करते हुए शायराना अंदाज में पायलट कैंप पर कटाक्ष किया था. जिसके जवाब में आज एक बार फिर से वेद प्रकाश सोलंकी ने ट्वीट कर पर सुभाष गर्ग को करारा जवाब दिया है.


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राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) के दो कैंपों में सियासी घमासान जारी है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट कैंप की ओर से अलग-अलग नेताओं ने मोर्चा संभाल रखा है. कैंप के नेताओं के बीच बयान बाजी और एक दूसरे पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. पायलट कैंप के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी की ओर से पिछले कई दिनों से लगातार चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग पर तीखे हमले किए जा रहे थे. एससी एसटी के मुद्दे पर भेदभाव के आरोप सहित कई कमेटियों में एससी-एसटी के नेताओं को नजरअंदाज करने का भी आरोप था. वेद प्रकाश सोलंकी ने नाम लेकर डॉ. सुभाष गर्ग पर खुलेआम आरोप लगाए थे, जिसके जवाब में कल रात डॉक्टर सुभाष गर्ग ने बिना किसी का नाम लिए एक शेर के जरिए अपनी बात कही तो टि्वटर वॉर शुरू हो गया है. सुभाष गर्ग ने बिना किसी का नाम लिए पायलट कैंप के नेताओं पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था.


मंत्री सुभाष गर्ग ने लिखा था-
यह मौसम है ही ऐसा 
आतुर है परिंदे
घोंसले बदलने के लिए


जिसके जवाब में वेद प्रकाश सोलंकी ने भी बिना नाम लिए डॉ सुभाष गर्ग पर प्रहार किया है.


विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने लिखा-
कुछ परिंदे खुद का घोंसला कभी नहीं बनाते वे दूसरों के बनाए घोंसलों पर ही कब्जा करते हैं
खुद का मतलब पूरा होते ही फिर उड़ जाते हैं,
अगले सीजन में फिर किसी का घोंसला कब्जा लेते हैं 
घना से भटके ये परिंदे प्यास बुझाने के लिए कभी हैंडपंप तो कभी पोखर में चोंच मारते नजर आते हैं


जब इस ट्वीट के बारे में चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे अपने ट्वीट के जरिए मौसम और नेचर की बात कर रहे थे. सुभाष गर्ग ने कहा कल रात में गार्डन में बैठा हुआ था कई तरह के विचार मेरे मन में आए तो मैंने प्रकृति को लेकर यह ट्वीट किया इसके लोग सियासी मायने क्यों लगा रहे हैं मुझे नहीं पता. सुभाष गर्ग ने कहा विश्वेंद्र सिंह हमारे लिए सम्मानीय नेता हैं, लेकिन उन्होंने सोलंकी के आरोपों पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. कहा लोकतंत्र में किसी को भी कुछ भी कहने का अधिकार है. अगर किसी को लगता है कि एससी एसटी के साथ अगर नाइंसाफी हो रही है तो उन्हें मुख्यमंत्री को लिखित में जानकारी देनी चाहिए. मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों पर का काम आलाकमान और मुख्यमंत्री का है.


दरअसल वेद प्रकाश सोलंकी ने चिकित्सा राज्यमंत्री पर पिछले कुछ दिनों में लगातार तीखे हमले किए हैं, लेकिन इसके बावजूद डॉ सुभाष गर्ग ने उनका नाम लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, लेकिन चाकसू से कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कई दफा कैबिनेट में एससी वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं होने का मुद्दा उठा चुके है. सोलंकी ने तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि एसटी एससी के कार्यों को सुभाष गर्ग अटका रहे हैं. उन्होंने अंबेडकर पीठ और बैकलॉग को भी अटकाने का आरोप भी सुभाष गर्ग पर लगाया था.


कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मोर्चा दोनों तरफ से ही अब खुल गया है. ऐसे में यह तय है कि अगर पार्टी आलाकमान तय समय पर कोई कदम नहीं उठाएगा या फिर सुलह कमेटी का नए सिरे से गठन कर समाधान की दिशा में प्रयास नहीं किया जाएंगे तो राजस्थान में बयान बाजी का यह दौर यूं ही जारी रहेगा. निश्चित तौर पर भाजपा के लिए इससे बेहतर अवसर कांग्रेस पार्टी को घेरने के लिए कुछ भी नहीं हो सकता.


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