प्रदेश में गहराया बिजली संकट, 1570 मेगावाट की तीन ईकाईयों में उत्पादन ठप्प
राजस्थान में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और ऊर्जा विकास निगम की अनदेखी के चलते बिजली संकट गहरा गया है.
Jaipur: राजस्थान में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और ऊर्जा विकास निगम की अनदेखी के चलते बिजली संकट गहरा गया है. जिसकी वजह से तीन हजार मेगावाट बिजली उत्पादन बंद है.ऊर्जा विकास निगम की अनदेखी लगातार अगर इसी तरह रही तो प्रदेशवासियों को वर्तमान रात अंधेरे में बितानी पड़ सकती है.
ये भी पढ़ें- सियासी मैदान छोड़ कबड्डी ग्राउंड में उतरे हरीश चौधरी, खिलाड़ियों के साथ आजमाये दो-दो हाथ
बिजली आपूर्ती की बड़ी मुश्किल घरेलू सप्लाई के साथ साथ औद्योगिक, कॉमर्शियल और कृषि कनेक्शनों में आपूर्ति को लेकर है. सरकारी उत्पाद संयत्रों के साथ साथ निजी उत्पादन ईकाईयों में भी बिजली उत्पादन बंद हो गया है.
बता दें कि, अडानी पॉवर की 1370 मेगावाट क्षमता की ईकाईयां फिलहाल बंद है. सौर और पवन ऊर्जा का जोर भी इस वक्त कम है. ऊर्जा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 5 सुपर क्रिटिकल विद्युत इकाइयों के उत्पादन अचानक बंद हो गए है. सूरतगढ़ की ईकाईयों में बॉयलर ट्यूब लीकेज और छबड़ा की ईकाइयों में वॉयलर फीड लीकेज के चलते 900 यूनिट उत्पादन प्रभावित हुआ है. सूरतगढ़ की 1570 मेगावाट की तीन ईकाईयों में उत्पादन फिलहाल ठप्प है. 660-660 मेगावाट की दो सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल ईकाईयों में उत्पादन बंद है.
3 सितंबर तक राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम 1320 मेगावाट क्षमता शुरू करने क प्रयास कर रहा है. इस पूरे मामले में ऊर्जा विकास निगम विद्युत संकट का आकलन करने में पूरी तरीके से फैल रहा. जिसके कारण प्रदेश के अधिकतर इलाकों में अगले 24 घंटे तक अंधेरा रह सकता है. जिसके कारण औद्योगिक, कॉमिशियल, कृषि और घरेलू सप्लाई पर इसका असर पड़ेगा. फिलहाल उत्पादन निगम के अभियंता फिर से सभी ठप्प प्लांट्स को चालू करने की कोशिश कर रहे है, पर कोशिश कितनी सफल होगी अभी इस बारे में कहना जल्बाजी होगी. लेकिन विभाग की तरफ से कहा जा रहा है
जयपुर की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें