Rajasthan News: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स के प्रकोप को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है, जिससे आगे प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने, तेजी से पहचान करने और कड़े संक्रमण नियंत्रण उपायों की आवश्यकता होती है. 


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WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करते हुए एडवाइजरी जारी ​की है. एसएमएस अस्पताल के सीनियर डॉक्टर मनोज शर्मा का कहना है कि यदि घर में किसी एक को हुआ है या अपने आस-पास किसी जानवर या पालतू जानवर के खुजली है, तो उससे दूर रखें. संक्रमित बच्चे को स्कूल नहीं भेजें.


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बरसात में सावधानी बरतें व आस पास साफ सफाई, नियमित सेनेटाइजर का उपयोग, हाथ धोने व पौष्टिक खाने की सलाह दी जाती है. डॉक्टर मनोज शर्मा का कहना है कि इसके लक्षणों की बात की जाए तो बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, ठंड लगना, थकावट, और विशिष्ट त्वचा के घाव (मैकुलोपापुलर दाने जो पुटिकाओं और फुंसियों में बदल सकते हैं). 


बरसात के सीजन में ज्यादा तर यह बीमारी देखने को मिलती है. इसमें बचाव के तरीके की बात करें तो खुद को साफ-सुथरा रखें. साथ ही सही न्यूट्रीशन लेते रहें, खुद को स्वस्थ रखें. समय पर इलाज मिलने से मरीज की 5 से 7 दिनों में रिकवरी हो जाती है. 


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क्या है मंकीपॉक्स? 
मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो जानवरों से फैलती है. यह वायरस चेचक जैसा है लेकिन ये चेचक से कम खतरनाक है. पहली बार 1958 में बंदरों में मंकीपॉक्स पाया गया था, जिसके बाद यह इंसानों में फैलने लगा. मंकीपॉक्स के लक्षण संक्रमण के 7 से 14 दिनों के बाद दिखाई देते हैं, जैसे मांसपेशियों में दर्द, बुखार, सिरदर्द, पीठ में दर्द, ठंड लगना और थकान. फिर फेस, हाथ और शरीर पर दाने उभरते हैं और फिर ये फफोले बन जाते हैं.