Rajasthan Politics: सदन में अनुदान मांगों पर बहस के दौरान प्राइवेट सेक्टर के बड़े उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की मांग उठी. सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई विधायकों ने यह मांग उठाई. बीजेपी विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि बड़े उद्योगों में 70 से 75 फीसदी रोजगार स्थानीय युवाओं को देना चाहिए. 


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स्थानीय युवाओं को रोजगार का मुद्दा
विधानसभा में मंगलवार को उद्योग विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों ने अपनी-अपनी राय और सुझाव रखें. इस दौरान विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि राजसमंद ही नहीं हर जगह पलायन बड़ी समस्या है. हमारे पास कई मां-बाप रोते हुए आते हैं और वे कहते हैं कि उनके एक ही बेटा है, उसे यहीं पर नौकरी दिला दीजिए. 


स्किल डेवलपमेंट के लिए खोले जाए ट्रेनिंग सेंटर
माहेश्वरी ने कहा कि हमारे क्षेत्र में हिंदुस्तान जिंक बड़ी यूनिट है. वहां पर डीप माइनिंग में अफ्रीका के लोग काम करते हैं, लेकिन हमारे स्थानीय युवाओं को यह कहकर नौकरी नहीं दी जाती कि वे स्किल्ड नहीं है. हमें स्थानीय युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देने के लिए सेंटर खोलने चाहिए और बड़े उद्योगों में स्थानीय युवाओं को ही 70—75 फीसदी रोजगार देने की बाध्यता करनी चाहिए.


अन्य विधायकों ने भी दी अपनी राय 
कांग्रेस के घनश्याम मेहर ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार में करीब पौने तीन लाख युवाओं को नौकरी दी गई. साथ ही उद्योगों में युवाओं को रोजगार देने के लिए पहल की गई. सरकार को ग्रामीण इलाकों में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए. बीजेपी की कल्पना देवी ने कहा कि सरकार उद्योगों को निर्देश दे कि वह स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता दें. वहीं, आसपुर विधायक उमेश मीणा ने कहा कि रोजगार के लिए उनके क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग दूसरे जिलों और राज्यों में जाते हैं. ऐसे में स्थानीय मिलो या अन्य उद्योगों में उनका रोजगार उपलब्ध करवाया जाए. 


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