Jaipur News: शिक्षा विभाग में लगातार नवाचार हो रहे हैं, जिनमें परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव किए गए हैं. अब समान परीक्षा जिलों से हटकर प्रदेश स्तर पर आयोजित की जाएगी. इस बदलाव के साथ सुरक्षा व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती है. कक्षा 9 से 12 तक की अर्धवार्षिक और 9 से 11 तक की वार्षिक परीक्षाएं प्रदेश स्तर पर आयोजित की जाएंगी. लेकिन विभाग को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही पाठ्यक्रम की अनिश्चितता से शिक्षकों में असमंजस बना हुआ है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शिक्षा विभाग ने इस बार समान परीक्षा को जिला स्तर से प्रदेश स्तर पर आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं. इससे शिक्षकों में पाठ्यक्रम को लेकर असमंजस बना हुआ है, क्योंकि अलग-अलग जिलों में अर्धवार्षिक परीक्षा में पाठ्यक्रम कवरेज में अंतर रहा है. पहले कहीं साथ तो कहीं 70% तक पाठ्यक्रम के अनुसार परीक्षा आयोजित की जाती रही है, लेकिन अब प्रदेश स्तरीय परीक्षा होने से पाठ्यक्रम को लेकर स्पष्टता नहीं है. शिक्षा विभाग ने अभी तक अर्धवार्षिक परीक्षा का पाठ्यक्रम जारी नहीं किया है, जिससे शिक्षकों की चिंता बढ़ गई है. 


प्रदेश स्तर पर आयोजित होने वाली परीक्षा को लेकर शिक्षक संगठनों में नाराजगी है. शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेशाध्यक्ष रमेश पुष्करणा का मानना है कि इससे शिक्षकों और बच्चों को कई असुविधाएं होंगी. उनका कहना है कि जिला स्तर पर आयोजित होने वाली समान परीक्षा में सुरक्षा व्यवस्था सबसे बड़ी समस्या होगी, साथ ही बच्चों और शिक्षकों के लिए भी कई समस्याएं खड़ी होंगी.


शिक्षकों की सलाह लिए बिना प्रदेश स्तर पर परीक्षा आयोजित करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे कई व्यावहारिक परेशानियां सामने आ रही हैं. इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, शिक्षकों की कमी, और पेपर रखने जैसी समस्याएं शामिल हैं. इससे शिक्षकों और छात्रों को परीक्षा की तैयारी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.


राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के प्रदेश महामंत्री रंजीत मीणा ने प्रदेश स्तर पर आयोजित होने वाली समान परीक्षा पर चिंता व्यक्त की है. उनका मानना है कि इससे सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक होने की संभावना है, क्योंकि पहले से ही दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने में काफी मशक्कत होती है. अब सभी कक्षाओं की परीक्षा प्रदेश स्तर पर आयोजित करना और भी कठिन होगा ¹. शिक्षक संगठनों में इस परीक्षा के पाठ्यक्रम को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिससे शिक्षकों और छात्रों को परीक्षा की तैयारी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.


राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन शर्मा ने सरकार के समान परीक्षा राज्य स्तर पर आयोजित करने के फैसले पर अपनी राय व्यक्त की है. उनका मानना है कि इस फैसले के दो पहलू हैं. एक ओर जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी परीक्षा आयोजन में बड़ी चुनौती पेश करेगी, वहीं दूसरी ओर इससे बच्चों को बोर्ड परीक्षा के डर से मुक्ति मिलेगी.


विपिन शर्मा के अनुसार, जब बच्चे देखेंगे कि समान परीक्षा का पेपर भी प्रदेश स्तर पर आयोजित किया जा रहा है, तो उन्हें बोर्ड परीक्षा का डर कम होगा. इससे न केवल बच्चों का तनाव कम होगा, बल्कि ड्रॉप आउट की संख्या में भी कमी आएगी. हालांकि, इस फैसले को लागू करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिनमें सुरक्षा और पेपर रखवाने की व्यवस्था भी शामिल है.


शिक्षा विभाग ने बिना व्यवस्थाओं की चर्चा किए समान परीक्षा को बोर्ड परीक्षा की तरह आयोजित करने का फैसला किया है, जिससे शिक्षकों की कमी, इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश अध्यक्ष रमेश पुष्करणा ने कहा है कि बिना सुविधाओं के समान परीक्षा को प्रदेश स्तर पर आयोजित करना सही नहीं होगा, जिससे कई असुविधाएं होंगी.


अब सरकार ने आदेश जारी कर दिया है, इसलिए देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार समान परीक्षा को बोर्ड परीक्षा की तरह सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित कर पाएगी और शिक्षा विभाग में नए आयाम स्थापित कर पाएगी. यह एक बड़ी चुनौती होगी, जिसके लिए सरकार को व्यवस्थाओं को मजबूत करना होगा. 


राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Rajasthan News और पाएं Latest Rajasthan News हर पल की जानकारी.राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार.जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!