Big meeting in Delhi regarding ERCP: राजस्थान में 37 हजार करोड़ का ईआरसीपी का सपना जल्द साकार हो सकता है.यदि आज सबकुछ ठीक रहा तो ईआरसीपी के एमओयू पर मुहर लग सकती है.कल केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में 2.30 बजे मीटिंग होगी,जिसमें मध्यप्रदेश और राजस्थान के विवाद को लेकर चर्चा होगी.


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हालांकि इससे पहले भी 4 बार मीटिंग हो सकती है.ऐसे में आज दोनों राज्यों के बीच विवाद सुलझा तो मध्यप्रदेश,राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच एमओयू हो जाएगा.जिससे 13 जिलों की प्यास बुझाने वाले प्रोजेक्ट का सपना सच हो जाएगा.


क्या है राजस्थान एमपी विवाद


विवाद एमपी से एनओसी का है.एमपी से आने वाली नदियों के पानी के उपयोग के लिए एनओसी अभी तक नहीं मिल सकी है. एमपी को यह भी लग रहा है कि राजस्थान उनके हिस्से का पानी ले लेगा.इस वजह से ईआरसीपी का प्रोजेक्ट अटका है.


कब बुझेगी 13 जिलों की प्यास?


राजस्थान के 13 जिलों की प्यास बुझाने वाला ईआरसीपी का मुद्दे ने सियासी प्यास जमकर बुझाई.ईआरसीपी का प्रोजेक्ट पूरा करना एक दो सालों का काम नहीं बल्कि बरस लग जाएंगे.यदि राज्य सरकार एक साल में 4 हजार करोड भी खर्च करती है,तब भी ये सपना 10 साल में पूरा हो पाएगा.हालांकि पिछली सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर 1130 करोड़ खर्च कर चुके है.जबकि ईआरसीपी पर कुल 37,247 करोड़ रुपए खर्च होने है.


53 और बांधों को जोडे जाएंगे


ईआरसीपी की डीपीआर में पहने 26 बांध जोड़े गए थे,लेकिन पिछली सरकार ने इसी साल बजट में दौसा,अलवर,सवाई माधोपुर,भरतपुर के 53 और बांधों को जोड़कर भरा जाएगा.लेकिन रामगढ़ बांध को भरने वाला ईसरदा बांध का निर्माण ही अब तक 65 प्रतिशत हो पाया है.करीब 18 साल से प्यास जयपुर का रामगढ़ बांध अब ईसरदा बांध से भरा जाएगा.


ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध की दूरी करीब 130 किलोमीटर है.रामगढ़ बांध भरने के बाद जयपुर के आंधी, जमवारामगढ़,आमेर, गोविंदगढ़, शाहपुरा, विराटनगर कोटपूतली के साथ ही अलवर के थानागाजी,बानसूर को फायदा होगा.


Ercp से इन जिलों को मिलेगा पानी


ईस्टन कैनाल से सवाईमाधोपुर,अजमेर,टोंक,जयपुर,दौसा, झालावाडा,बांरा,कोटा,बूंदी,करौली,अलवर,भरतपुर,धौलपुर के लिए योजना बनाई है.जिसके अंतगर्त कुन्नू बैराज,रामगढ,महलपुर,नवनेरा,मेज,राठौड बैराज के साथ बनास नदी पर सवाईमाधोपुर में डूंगरी बांध बनाए जाएंगे.


इन बांधों का निर्माण होगा


अगले चरण में डूंगरी बांध,राठौड़ बांध का निर्माण किया जाएगा.इसके बाद टोंक सवाई माधोपुर,दौसा करौली,भरतपुर, अलवर जयपुर के बांधों को भरा जाएगा.इससे दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई क्षेत्र डेवलप किया जाएगा.ये तो तय है कि जनता से पहले सियासी प्यास बुझेगी,लेकिन क्या ये सियासत की प्यास जनता की प्यास बुझाने में कामयाब रहेगी,ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.


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