Jaipur: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार की वर्चुअल मुलाकातों बयान जारी कर पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. पूनिया ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार वर्चुअल है. मुख्यमंत्री वर्चुअल हैं और अगले चुनाव में इनको वोट भी वर्चुअल ही मिलेंगे, क्योंकि ऐसी जनविरोधी और वादाखिलाफी वाली सरकार से जनता किनारा कर लेगी. पूनिया ने कहा कि जनता भी इनसे वर्चुअल जैसा ही व्यवहार करेगी.


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पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पिछले लगभग डेढ़ साल से अपने घर से मुख्यमंत्री दफ्तर तक भी नहीं गए और ना ही राज्य में कहीं दौरे पर गए. सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता से भी नहीं मिले हैं. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनको राज्य की जनता की बिल्कुल चिंता नहीं है और बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर भी मुख्यमंत्री गंभीर नहीं हैं. क्योंकि राज्य में आए दिन दुष्कर्म, गैंगरेप के मामले आ रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं, वे कोई ठोस एक्शन प्लान बनाने के बजाय सिर्फ वर्चुअल बैठकों में व्यस्त रहते हैं.


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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तो वर्चुअली सरकार चला ही रहे हैं, लेकिन इनके प्रभारी मंत्रियों ने भी जनता से पूरी तरह दूरी बना रखी है. कोरोना काल में भी इनका एक भी मंत्री जनता की सुध लेने नहीं पहुंचा. इससे साफ है कि जब राजा ही प्रजा के हाल नहीं पूछ रहा तो मंत्री भी क्यों पूछे, इसी ढर्रे पर सरकार चल रही है.


पूनिया का कहना है कि कोविड से संक्रमित होने के बाद स्वस्थ्य होकर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपने-अपने राज्य के दौरे किए और जनता से लगातार संपर्क में रहे. उन्होंने अस्पतालों की व्यवस्थाएं मजबूत की, जमीन पर काम भी किया, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत केवल वर्चुअल तरीके से ही सरकार चला रहे हैं, जिससे वादे पूरे नहीं हो रहे और प्रदेश की जनता में आक्रोश है.


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उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों से सम्पूर्ण कर्जमाफी का वादा अभी तक मुख्यमंत्री ने पूरा नहीं किया और ना ही भर्तियां पूरी कर रहे हैं. पूनिया ने कहा कि आज प्रदेश का युवा विभिन्न भर्तियों को पूरी करने के लिए आंदोलनरत है, लेकिन मुख्यमंत्री का किसानों, युवाओं और आमजन के हितों से कोई सरोकार नहीं है.