हाथी छोड़ हाथ के साथ आए विधायकों में बढ़ती बेचैनी, बोले-मुर्गे ने जान दे दी, लेकिन खाने वाले को मजा नहीं आया
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan921017

हाथी छोड़ हाथ के साथ आए विधायकों में बढ़ती बेचैनी, बोले-मुर्गे ने जान दे दी, लेकिन खाने वाले को मजा नहीं आया

राजस्थान के सियासी हालातों के मद्देनजर बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है.

बैठक में विधायक राजेंद्र गुढ़ा, जोगिंदर सिंह अवाना और लखन मीणा और संदीप यादव मौजूद रहे.

Jaipur : राजस्थान के सियासी हालातों के मद्देनजर बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है. बसपा के 6 में से 4 विधायकों ने आज जयपुर के गांधीनगर में एक बैठक कर सियासी मुद्दों पर चर्चा की. विधायक दीपचंद खेरिया स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से नहीं आए और विधायक वाजिब अली ऑस्ट्रेलिया में हैं. बैठक में विधायक राजेंद्र गुढ़ा, जोगिंदर सिंह अवाना और लखन मीणा और संदीप यादव मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें : Rajasthan Congress के दो कैंपों में सियासी घमासान जारी, मंत्री और विधायक ने बीच छिड़ा Tweet War

ज़ी मीडिया से बातचीत में विधायक जोगिंदर अवाना (Joginder Singh Awana) ने कहा कि सभी छह विधायक सीएम अशोक गहलोत को देखकर ही कांग्रेस में आए थे. हमने इतना बड़ा त्याग किया. कोर्ट में मामला लंबित चल रहा है. पार्टी में हमें दूसरी नजरों से देखा जाता है. उसके बावजूद जो लोग बगावत करके गए उनका स्वागत किया गया उनकी बात को सुना जा रहा है. 

राजेंद्र गुढ़ा (MLA Rajendra Gudha) ने कहा जब हम कांग्रेस पार्टी में आए थे तब कांग्रेस के सियासी हालात ठीक थे. हम बिना किसी कंडीशन के कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. हमारा मन है राजस्थान में कांग्रेस सरकार स्थिर रहे. 5 साल चले, लेकिन वर्तमान हालातों में हमारे साथ न्याय नहीं हुआ. ढाई साल का वक्त निकल गया. एक तरीके से कहें तो एक कहावत है कि मुर्गे ने जान दे दी, लेकिन खाने वाले को मजा नहीं आया. 

पायलट कैम्प के 19 एमएलए पार्टी से बगावत कर कर चले गए थे हमने और निर्दलीय विधायकों ने सरकार बचाई, लेकिन हमें हमारी वफादारी का कोई सिला नहीं मिला. अशोक गहलोत हमारे नेता हैं और रहेंगे. विधायक लाखन मीणा (Lakhan Meena) ने कहा डेढ़ महीने हम होटल में रहे यह हालात किसने बनाए थे जो विधायक उनके साथ थे उनके लिए पलक पावडे बिछाये जा रहे हैं, लेकिन हम जिन्होंने सरकार बचाई हमारे काम नहीं हो रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान और पार्टी से इन विधायकों की अलग-अलग मुद्दों को लेकर नाराजगी नजर आई, लेकिन सभी ने एक स्वर में कहा कि अशोक गहलोत की लीडरशिप में उनका भरोसा है और वे उनके साथ हैं. 

यह भी पढ़ें : Rajasthan में मानसून का दिखने लगा असर, इन जिलों में धूल भरी हवाओं के साथ बारिश शुरू

Trending news