राजस्थान कॉलेज बना धर्म का अखाड़ा, कॉलेज प्रशासन ने धार्मिक गतिविधियों पर लगाया बैन
राजधानी जयपुर (Jaipur News) का राजस्थान कॉलेज धर्म का अखाड़ा बन गया है. धर्म के नाम पर एनएसयूआई और एबीवीपी आमने सामने हो गई है.
Jaipur: राजधानी जयपुर (Jaipur News) का राजस्थान कॉलेज धर्म का अखाड़ा बन गया है. धर्म के नाम पर एनएसयूआई और एबीवीपी आमने सामने हो गई है. जिस शिक्षा के मंदिर में स्टूडेंट्स पढ़ने आते हैं, वहां धार्मिक रंग देकर विवाद खड़ा किया जा रहा है. पहले कॉलेज परिसर में नमाज पढ़ी गई, फिर आज हनुमान चालीसा. विवाद बढ़ा तो कॉलेज प्रिंसिपल ने धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा दी.
धर्म को राजनीतिक रंग देने की कोशिश
जयपुर में राजस्थान कॉलेज वो शैक्षणिक संस्थान है, जो धार्मिक आरोप प्रत्यारोप का अखाड़ा बन गया है, जहां धर्म को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. ये रंग देने वाले कोई और नहीं बल्कि देश की प्रमुख पार्टियों की छात्र संगठक ईकाई एबीवीपी और एनएसयूआई (NSUI) है. एक तरफ कॉलेज परिसर में नमाज पढ़ने से रोकने के विरोध में एनएसयूआई खडी दिखी, लेकिन दूसरी तरफ एबीवीपी (ABVP) ने एनएसयूआई पर शिक्षा के मंदिर में धार्मिक गतिविधि को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. एबीवीपी ने ये कहते हुए कॉलेज परिसर में हंगामा कर दिया कि कॉलेज परिसर को तीन दिन से नजाम पढ़ी जा रही है, लेकिन इसके बावजूद कैंपस में नमाज पढने से नहीं रोका गया. हंगामे के बाद कॉलेज कैंपस में एबीवीपी ने हनुमान चालीसा का पाढ किया, जिसमें एबीवीपी के मुस्लिम छात्र नेता अनवर हुसैन ने भी हनुमान चालीसा पढ़ी, जो चर्चा का विषय रहा.
विवाद क्या है, पूरा मामला समझे
12 नवंबर को राजस्थान कॉलेज परिसर के ग्राउंड में दो मुस्लिम छात्र नमाज अदा कर रहे थे, लेकिन कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल आरएन शर्मा ने दोनों छात्रों को नमाज पढने से रोक दिया. एबीवीपी का आरोप है कि तीन दिन से कॉलेज परिसर में नमाज अदा की जा रही है. यहां एबीवीपी का कहना है कि कॉलेज परिसर में इस तरह का धार्मिक रंग देना ठीक नहीं.एबीवीपी ने ये आरोप लगाए है कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे है कि कॉलेज परिसर में नमाज के लिए जमीन मिलनी चाहिए. जिसका हम विरोध करते हैं. यहां किसी के लिए जमीन नहीं दी जा सकती है. इसलिए आज एबीवीपी ने आज कॉलेज परिसर में हनुमान चालीसा पढ़ी. हनुमान चालीसा का पाठ पढने वाले एबीवीपी छात्र नेता अनवर हुसैन का कहना था कि हमने आज इसलिए हनुमान चालीसा का पाढ किया है क्योंकि हम सभी धर्म को मानते हैं, ये शिक्षा का मंदिर है, यहां धर्म के नाम पर लड़ाई नहीं होगी. मैं एबीवीपी से पहले एक मुस्लिम हूं, नमाज अदा करनी है तो मस्जिद में नमाज पढ़े.
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धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाई कॉलेज परिसर में-
मामला राजस्थान कॉलेज तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एनएयूआई नमाज पढ़ने से रोकने वाले वाइस प्रिंसिपल को बर्खास्त करने की मांग को लेकर वीसी दफ्तर पहुंच गई और वहां गांधीवादी तरीके से मौन व्रत धारण कर कैंपस परिसर में नमाज पढने से रोकने वाले वाइस प्रिंसिपल को बर्खास्त करने की मांग की और वीसी को ज्ञापन सौपा. हमने मौन व्रत के दौरान बात करने की कोशिश की, लेकिन कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. लेकिन दूसरी तरह कॉलेज प्रशासन ने शैक्षणिक गतिविधि के अलावा दूसरी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी. कॉलेज के प्रिंसिपल SL शर्मा का ने कहा कि शिक्षा के मंदिर को धार्मिक रंग देना उचित नहीं. शिक्षा के अलावा यहां दूसरी गतिविधियां नहीं होने देंगे. यहां धार्मिक गतिविधियां नहीं की जा सकती है. चाहे नमाज पढ़ने की बात हो या हनुमान चालीसा की. छात्र समझ नहीं रहे है तो हम बैठाकर समझाएंगे, हमारे छात्र हैं, हमारी बात जरूर मानेंगे.
बड़ा सवाल ये है कि आखिर क्यों शिक्षा के मंदिर में धर्म के नाम पर राजनीति की जा रही है. क्यों शिक्षा के मंदिर को राजीनीति का अखाड़ा बनाया जा रहा है.