Rajasthan Dausa Shootout: 23 अगस्त को दौसा में वाहन चोरों का पीछा करते हुए बदमाशों की ओर से की गई फायरिंग में घायल कांस्टेबल प्रहलाद सिंह का निधन हो गया. एसएमएस हॉस्पिटल में प्रहलाद सिंह का न्यूरो सर्जरी में उपचार चल रहा था. हालांकि उनके निधन के बाद परिवार जनों ने उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग रखी. इसके बाद कई देर तक व का पोस्टमार्टम नहीं हो सका.


शहीद का दर्जा देने की मांग 


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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के बाद पुलिस अधिकारियों ने उनके परिवार से समझाइश करके पोस्टमार्टम कराया. कल उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा. दौसा के रेट गांव के नजदीक कांस्टेबल प्रहलाद सिंह पर फायरिंग के दौरान सिर में गोली लगी थी इसके बाद उन्हें एसएमएस हॉस्पिटल के बांगड़ में न्यूरो सर्जरी आईसीयू में रखा गया था .जहां उनके सिर में गोली का एक हिस्सा निकल गया लेकिन बुलेट उनके सिर के गहरी हिस्से में रहा.

चिकित्सकों के मुताबिक गोली 360 डिग्री पर घूमते हुए उनके ब्रेन को खास तौर पर डैमेज कर चुका था जिससे उनकी सेहत नाजुक बनी हुई थी. उन्हें सपोर्ट सिस्टम पर पिछले तीन दिन से रखा हुआ था. आज सुबह उनके निधन की खबर आने के बाद एसएमएस अस्पताल परिसर में उनके परिवार जनों का रो-रोकर बुरा हाल था. न्यूरोसर्जरी आईसीयू से कांस्टेबल प्रहलाद सिंह की बॉडी को मोर्चरी ले जाया गया. जहां उनका पोस्टमार्टम करना था लेकिन परिवार जनों के साथ राजपूत समाज के प्रतिनिधियों ने प्रहलाद सिंह को शहीद का दर्जा देने समेत विभिन्न मांगों का एक मांग पत्र सरकार तक भिजवाने और उसे पर अमल करने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार करने का ऐलान किया.


गतिरोध बना रहा


इससे कई देर तक गतिरोध बना रहा लेकिन आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपराध समीक्षा बैठक में पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक में पुलिस कांस्टेबल प्रहलाद के परिवार को लेकर घोषणा की. इसमें उन्होंने परिवार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई. साथ ही उनका यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाई जाने को लेकर भी मुख्यमंत्री ने इस मामले पर गंभीरता दिखाई.


1 करोड़ का मुआवजा, CM गहलोत का ऐलान 


साथ ही उन्होंने कांस्टेबल प्रहलाद सिंह तंवर की पत्नी को कृषि कार्य के लिए बिजली कनेक्शन दिए जाने को लेकर घोषणा की मृतक कांस्टेबल प्रहलाद सिंह तंवर के परिजनों ने एक मांग पत्र सरकार को सौंपा था. जिसमें 13 सूत्रीय मांगे रखी थी. हालांकि इसके बाद भी कई देर तक परिजनों और प्रशासन के बीच गतिरोध बना रहा. पुलिस अधिकारियों की समझाईस इसके बाद समाज के नेताओं और परिजनों ने इस बात पर सहमति दी कि अब प्रहलाद सिंह का अंतिम संस्कार किया जा सके.


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उन्होंने मुख्यमंत्री की की गई घोषणाओं पर सहमति जताई. समाज के नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री की जो घोषणाएं हैं वह समय पर पूरी होनी चाहिए साथ ही अपराधों पर रोक लगनी चाहिए. प्रहलाद सिंह नीमकाथाना के चिपलता गांव के खातीवाला की ढाणी के रहने वाले थे वह एक महीने पहले ही अपने घर गए थे उनकी मौत की खबर के बाद से ही पूरे गांव में परिजनों रिश्तेदारों समेत आम लोगों में शोक की लहर नजर आई. कांस्टेबल प्रहलाद दोसा के सदर थाने में तैनात थे जो कि साल 2008 में पुलिस में भर्ती हुए थे. आईजी उमेश दत्त ने कहा कि फिलहाल उनके पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है उनकी वीरता और बहादुरी को विभाग सराहना करता है.