कौन है रामपाल जाट, जिसने मतदान से सिर्फ 48 घंटे पहले अशोक गहलोत को दिया समर्थन
Rajasthan Election: किसान नेता रामपाल जाट ने गुरुवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. रामपाल जाट ने लंबे समय तक भाजपा में रहकर प्रदेश महामंत्री का पद भी संभाला और किसान हित के मुद्दों पर उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था.
Rajasthan Election 2023: किसान नेता रामपाल जाट ने गुरुवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और अन्य नेताओं ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई. रामपाल जाट ने लंबे समय तक भाजपा में रहकर प्रदेश महामंत्री का पद भी संभाला और किसान हित के मुद्दों पर उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था. उसके बाद कुछ समय तक आम आदमी पार्टी के साथ रहे, और अब विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले उन्होंने कांग्रेस का साथ जोड़ा है.
कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद मीडिया से बातचीत में रामपाल जाट ने कहा कि दोनों पार्टियों के घोषणा पत्रों का अध्ययन करने के बाद किसानों ने कांग्रेस के साथ आने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एमएसपी का जिक्र तक नहीं किया है, शायद वे भूल गए हैं. जबकि इस मुद्दे पर मेरी भाजपा के कमोबेश सभी नेताओं से बातचीत हुई थी. पीएम नरेंद्र मोदी से भी पहले एमएसपी को लेकर बात हुई थी, लेकिन अब चुनावी घोषणा पत्र में इस मुद्दे को भूल गई. कांग्रेस ने एमएसपी पर कानून बनाने की घोषणा की है, इसलिए हम उसके साथ हैं जो फसल को खेत को पानी और उपज को दाम की बात पर किसान का साथ देते हैं.
ERCP को लेकर कही यह बात-
रामपाल जाट ने बताया कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में केंद्र सरकार के साथ मिलकर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को पूरा करने का वादा किया है, जबकि केंद्र सरकार ने इस मामले को पहले ही लटका चुकी है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी ईआरसीपी को पूरा करने का वादा किया है, जो राजस्थान के 13 जिलों के किसानों के लिए बड़ा उपहार होगा. इसलिए, हमने खेत और किसान के मुद्दे पर बिना किसी शर्त के कांग्रेस का समर्थन करने का ऐलान किया है.
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रामपाल जाट ने बताया कि 11 जुलाई को महाराष्ट्र में हुई किसान महापंचायत में एक प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें तय हुआ कि चुनावों में वह पार्टी जो किसानों को एमएसपी की गारंटी देगी, उसे किसान समर्थन देंगे. अब तक भाजपा ने इस पर कोई विचार नहीं किया, जबकि कांग्रेस ने इसे कानून बनाने की बात कही है. इसलिए सभी किसान आपसी मतभेद भूलकर कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं.
उन्होंने भाजपा के घर वापसी के प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने किसान हित के मुद्दे पर भाजपा का साथ छोड़ दिया था. 2019 में और अब चुनाव से पहले भाजपा ने फिर से घर वापसी का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि उनका घर भाजपा नहीं, बल्कि खेत और किसान हैं. घोषणा पत्र आने के बाद, उन्होंने यह निर्णय किया है कि राजस्थान में कांग्रेस का राज दोबारा लाएंगे. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने यदि राजस्थान में एमएसपी और ईआरसीपी पर काम किया तो लोकसभा चुनाव में देश में माहौल बदल जाएगा.