Rajasthan Gangaur 2024: राजस्थान में गणगौर पूजा की धूम, शाही लवाजमे में निकाली जाएगी सवारी
Rajasthan Gangaur 2024: इस बार गणगौर माता की सवारी 11-12 अप्रैल को निकाली जाएगी. गणगौर की सवारी को देखने के लिए हजारों की तादाद में देशी-विदेशी सैलानी जयपुर के त्रिपोलिया गेट से लेकर गणगौरी बाजार में देखने पहुंचेंगे.
Rajasthan Gangaur 2024: शाही लवाजमे और परंपरा के साथ इस बार गणगौर माता की सवारी 11-12 अप्रैल को निकाली जाएगी. भव्य मेले और जुलूस के रूप में निकलने वाली माता गणगौर की सवारी को देखने के लिए हजारों की तादाद में देशी-विदेशी सैलानी जयपुर के त्रिपोलिया गेट से लेकर गणगौरी बाजार में देखने पहुंचेंगे.
शाही सवारी व जुलूस मेला की व्यवस्था
11-12 अप्रैल को दो दिन शाम 5:45 बजे जनानी ड्योढ़ी से गणगौर माता की सवारी निकलेगी. इस शाही यात्रा का भव्य स्वरूप देखने के लिए जयपुर समेत अन्य जिलों के दूर दराज गांव-शहर से लोग देखने पहुंचेंगे. इन सबके लिए नगर निगम की ओर से त्रिपोलिया गेट से ताल कटोरा तक सड़क के दोनों ओर बेरिकेडस लगाए जाएंगे. साथ ही साफ-सफाई की सुव्यवस्थाएं की जाएगी.
प्रदेशभर से लोक कलाकार भी आमंत्रित किए गए हैं जोकि अपनी प्रस्तुतियां देते हुए जुलूस के साथ में चलेंगे. लोक कलाकारों द्वारा कच्ची घोडी़, अलगोजावादन, कालबेलिया नृत्य, बहरूपिया कला प्रदर्शन, बाड़मेर के कलाकारों द्वारा गैर-आंगी व सफेद गैर, किशनगढ़ के कलाकारों द्वारा घूमर व चरी नृत्य, शेखावाटी के लोक कलाकारों द्वारा चंग व ढ़प, बीकानेर के कलाकारों द्वारा पद दंगल, मश्कवादन आदि की प्रस्तुतियां देंगे. जैसलमेर व बीकानेर के रौबीले जो मिस्टर डेजर्ट रह चुके हैं भी जुलूस की शान बढ़ाएंगें.
गणगौर सवारी में पर्यटकों का स्वागत सत्कार
पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक राकेश शर्मा ने बताया कि इस बार गणगौर की शाही सवारी पर त्रिपोलिया गेट पर सवाईमान गार्ड बैंड की प्रस्तुति होगी. गणगौर सवारी के दौरान छोटी चौपड़ पर लगभग 40 महिला कलाकार घूमर नृत्य की प्रस्तुति देंगी. वहीं, छोटी चौपड़ से ही जयपुर व्यापार महासंघ के पदाधिकारी गणगौर माता की सवारी पर पुष्प वर्षा करेंगे. गणगौर माता की सवारी व जुलूस के लिए पर्यटन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं.
यह भी पढ़ेंः Rajasthan Weather Update: राजस्थान में दो दिन बाद जोरदार आंधी-तूफान का अलर्ट, जानें मौसम की ताजा अपडेट
यह भी पढ़ेंः Chaitra Navratri 2024: राजस्थान की वो माता रानी, जहां छूट जाता है बुरी शक्ति का साया