Chaitra Navratri 2024: भीलवाड़ा जिले के आसींद में माता रानी का एक ऐसा मंदिर है, जहां को लेकर मान्यता है कि यहां ऊपरी हवा ,भूत-प्रेत की बाधा से पीड़ित महिला एवं पुरुषों को यहां पर आने के बाद छुटकारा मिल जाता है.
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Chaitra Navratri 2024: भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर आसींद शाहपुरा मार्ग पर स्थित बंक्यारानी शक्तिपीठ है. इस शक्तिपीठ की ऐसी मान्यता है कि यहां पर ऊपरी हवा ,भूत-प्रेत की बाधा से पीड़ित महिला एवं पुरुषों को यहां पर आने के बाद ऊपरी हवा से छुटकारा मिलता है.
नवरात्रि में यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. आमेसर ग्राम पंचायत के माताजी का खेड़ा में स्थित इस प्रसिद्ध शक्तिपीठ पर शनिवार और रविवार को भी हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं.
बंक्यारानी माताजी का मुख्य मंदिर एक पहाड़ी पर बना हुआ है. करीब 100 से अधिक सीढ़ियां चढ़ने के बाद मुख्य मंदिर में विराजित बंक्यारानी माताजी के दर्शन होते हैं. प्रसिद्ध बंक्यारानी मातेश्वरी मंदिर का श्रृंगार नीम की पत्तियों से होता है. यह एकमात्र ऐसा शक्तिपीठ है, जिसकी प्रतिमा प्राकृतिक रूप से निर्मित है. वहीं इस प्रतिमा पर सोने-चांदी के श्रृंगार के बजाय नीम के पत्तों द्वारा श्रृंगार किया जाता है.
माताजी के मंदिर परिसर में पत्थर के पिलर बने हुए हैं. भूत-प्रेत एवं ऊपरी हवाओं से पीड़ित महिला और पुरुष यहां पर आते हैं और पत्थर से बने पिलरों के चारों तरफ परिक्रमा करने पर उनको ऊपरी हवाओं से मुक्ति मिलती है. नवरात्रि में यहां पत्थर से बने पिलर के चारों ओर परिक्रमा करते हैं और यहां से 1 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध बालाजी का मंदिर है. वहां पर स्थित कुंड में नहाने से महिला एवं पुरुषों को ऊपरी हवाओं से मुक्ति मिलती है.
करीब 1100 वर्ष पुराना मंदिर पुरानी मान्यताओं के अनुसार एवं किद्वंती के अनुसार यह मंदिर करीब 1100 वर्ष से अधिक पुराना मंदिर है. पहले यहां पर केवल छोटा मंदिर बना हुआ था फिर उसके बाद यहां पर राज्य सरकार ने ट्रस्ट का निर्माण किया. अब बंक्यारानी मातेश्वरी ट्रस्ट की देखरेख में है. यहां पर विशालकाय मंदिर बना हुआ है. यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क पेयजल एवं रहने की व्यवस्था की जाती है. सुरक्षा के लिए 24 घंटे पुलिस के सुरक्षाकर्मी यहां पर बैठे रहते हैं.
पूर्व में विवादों में रहा बंक्यारानी मंदिर
बंक्यारानी मंदिर करीब 10 वर्ष पूर्व विवादों में भी रहा है. यहां पर महिलाओं के साथ अमानवीय अत्याचार की कहानी घटनाएं हुई थी, जिसके बाद पुलिस प्रशासन एक्टिव हुआ और अब यहां पर महिलाओं पर अत्याचार नहीं हो, इसके लिए 24 घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं और सीसीटीवी कैमरा के द्वारा यहां पर लोगों की निगरानी रखी जाती है. ताकि यहां पर किसी भी प्रकार की कोई भी अप्रिय घटना ना हो. वैसे तो यहां पर वर्ष भर मेरे जैसा माहौल रहता है लेकिन चैत्र नवरात्रि और आश्विन माह के नवरात्रि में यहां पर भीलवाड़ा जिले नहीं आसपास के जिले सहित अन्य प्रदेशों से श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं. यहां पर लकवा से पीड़ित रोगी भी ठीक होने का दावा किया जाता है.
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.
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