Jaipur: प्रदेश में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूदा वित्तीय वर्ष में एक लाख से अधिक परिवारों को 'हर घर नल कनेक्शन' के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की सुविधा मुहैया करा दी गई है. प्रदेश में जेजेएम के तहत एक लाख 787 कनेक्शन चालू वित्तीय वर्ष मे दिए जा चुके हैं.


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राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक प्रदेश में जेजेएम के लक्ष्यों को पूरा कर ग्रामीण क्षेत्रों में सभी परिवारों को 'हर घर नल कनेक्शन' देने का लक्ष्य रखा है. अब प्रदेश में 618 गांवों और 63 ग्राम पंचायतों के सभी परिवारों को जेजेएम के अंतर्गत 'हर घर नल कनेक्शन' की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है. साथ ही 442 अन्य गांवों में 90 प्रतिशत या उससे अधिक परिवारों को 'हर घर नल कनेक्शन' की सुविधा मुहैया करा दी गई है. 


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जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 43 हजार 362 गांव और ढाणियों में 20 लाख 59 हजार 435 परिवारों को 'हर घर नल कनेक्शन' से जोड़ा जा चुका है. जेजेएम की शुरूआत से लेकर राज्य में अब तक 8 लाख 85 हजार 304 से अधिक परिवारों को 'हर घर नल कनेक्शन' की सौगात दी गई है.


27,268 गांवों में 69 लाख 50 हजार से अधिक 'हर घर नल कनेक्शन' की स्वीकृतियां
जलदाय मंत्री ने बताया कि गत फरवरी माह से प्रदेश में राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति की 6 बैठकों में अब तक 101 वृहद पेयजल परियोजनाओं सहित 7574 मल्टी एवं सिंगल विलेज परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है. इन योजनाओं से प्रदेश के 27 हजार 268 गांवों में 69 लाख 50 हजार से अधिक 'हर घर नल कनेक्शन' की स्वीकृतियां उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि जेजेएम में अब तक स्वीकृत ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की तुलना में तकनीकी स्वीकृतियां, निविदाएं और कार्यादेश जारी करने का कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा है. इसके बाद निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने पर पूरी तरह से फोकस किया जाएगा.


42 हजार 808 गांवों में ग्राम जल एवं स्चवच्छता समितियों के गठन का कार्य
प्रदेश में 2024 तक जिन ग्रामीण परिवारों को 'हर घर नल कनेक्शन' दिया जाना है, उनकी शेष स्वीकृतियां जारी करते हुए बकाया सभी तकनीकी औपचारिकताओं को भी शीघ्रता से पूरा करने की रणनीति के साथ कार्य किया जा रहा है. इसके लिए आगामी 23 अगस्त को एसएलएसएससी की बैठक फिर आयोजित की जा रही है. प्रदेश में जेजेएम के तहत सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने पर पूरा जोर देते हुए 43 हजार 362 गांवों में से 42 हजार 808 गांवों में ग्राम जल एवं स्चवच्छता समितियों के गठन का कार्य भी पूरा कर लिया गया है.