राजस्थान सरकार देगी स्टार्टअप्स को बढ़ावा, छोटे और नए स्टार्टअप को सरकारी खरीद में प्राथमिकता
राजस्थान सरकार के एक फैसले ने युवा उद्यमियों के सपनों को आकार दे दिया है.
Jaipur : राजस्थान सरकार के एक फैसले ने युवा उद्यमियों के सपनों को आकार दे दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के निर्देश पर पंजीकृत चयनित स्टार्टअप्स (startups) को 15 लाख रुपए तक के सरकारी काम बिना टैंडर के मिल सकेंगे. युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन, स्वरोजगार में इजाफे और राजस्थानमें नए निवेश को अपनी ओर आकर्षिक करने की दिशा में हो रहे कार्यों में यह आदेश बेहद अहम है. वहीं, कोरोना काल में आर्थिक संकट का सामना कर रही ईकाईयों के लिए संजीवनी से कम नहीं है.
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प्रदेश (Rajasthan News) में कोरोना के कारण आर्थिक संकट झेल रहे स्टार्टअप्स को राहत मिलने वाली है. राजस्थान में पंजीकृत चयनित स्टार्टअप्स को 15 लाख रुपए तक के सरकारी काम के आदेश बिना टेंडर दिए जाएंगे. स्टार्टअप्स के तहत स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार राजस्थान ई—बाजार पोर्टल को और उपयोगी बनाने के प्रयास शुरु हो गए हैं. औद्योगिक संगठनों के सुझाव और प्रदेश में नए निवेश के लिए की जा रही नीतिगत पहल के तहत यह निर्णय लिया गया है. इस पोर्टल से अब तक बहुत कम स्टार्टअप्स ही जुड़े हुए हैं. अगले महीने तक ई—बाजार प्लेटफॉर्म को मजबूत बनाकर राज्य के सभी स्टार्टअप्स को जोड़ने की तैयारी है.
राजस्थान में स्टार्टअप्स
पंजीकृत स्टार्टअप्स— करीब 2200
अप्रुव्ड श्रेणी वाले स्टार्टअप्स— 1300
क्यू रेटिंग में शामिले स्टार्टअप्स— 650 से अधिक
अधिकांश स्टार्टअप्स की श्रेणी— कांस्य या रजत
कुल रोजगार 27 हजार
स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की पहल करते राज्य सरकार (Rajasthan government) ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता संबंधी कानून में संशोधन किया है. इसके तहत रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को चयनित कार्यों के लिए सरकारी विभाग 15 लाख रुपए तक के वस्तु और सेवाओं के आदेश बिना टेंडर ही जारी कर सकेंगे. कानून में संशोधन कर प्रावधान किया है कि स्वर्ण व रजत रेटिंग वाले स्टार्टअप्स को साल में दे बार सीधे काम मिल सकेगा, जबकि कांस्य रेटिंग वालों को साल में एक बार ही बिना टेंडर काम का अवसर मिल सकेगा. जयपुर सहित प्रदेशभर के युवाओं के लिए इससे बड़े अवसर मिल सकेंगे.
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