Rajasthan: डिप्लोमाधारियों को विशेष शिक्षक पद पर नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब- हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती-2022 के लेवल 2 विशेष शिक्षक के पद पर विशेष शिक्षा में डिप्लोमाधारियों को नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, एनसीटीई सचिव, रिहैबिलिटेशन कौंसिल ऑफ इंडिया के सचिव और कर्मचारी चयन बोर्ड सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा है.
Rajasthan High Court News: राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती-2022 के लेवल 2 विशेष शिक्षक के पद पर विशेष शिक्षा में डिप्लोमाधारियों को नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, एनसीटीई सचिव, रिहैबिलिटेशन कौंसिल ऑफ इंडिया के सचिव और कर्मचारी चयन बोर्ड सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि क्यों ना विशेष शिक्षा में द्विवर्षीय डिप्लोमा रखने वाले अभ्यर्थियों को विशेष शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाए. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश विनीत कुमार व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षक भर्ती-2022 के तहत विशेष शिक्षक पद लेवल 2 के लिए गत 16 दिसंबर को भर्ती निकाली थी. जिसमें याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था. कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित लिखित परीक्षा में भाग लेकर याचिकाकर्ता के कट ऑफ से अधिक आ गए. इसके बावजूद उन्हें यह कहते हुए नियुक्ति देने से इनकार कर दिया कि उनके पास विशेष शिक्षा में बीएड के बजाए द्विवर्षीय डिप्लोमा है. याचिका में कहा गया कि स्नातक के साथ बीएसटीसी की योग्यता रखने वालों को सामान्य शिक्षक भर्ती लेवल 2 के लिए पात्र माना है.
ये भी पढ़ें- Adi Purush: राजस्थान में फिल्म आदि पुरुष को बैन करने की मांग, DGP से मिला सर्व ब्राह्मण महासभा का दल
वहीं वर्ष 2018 की भर्ती में विशेष शिक्षा में डिप्लोमा रखने वाले अभ्यर्थियों को पात्र माना गया था. उस समय प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने पत्र जारी कर ऐसे अभ्यर्थियों को योग्य माना था. इसके अलावा रिहैबिलिटेशन कौंसिल ऑफ इंडिया के प्रावधानों के तहत भी डिप्लोमाधारी अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र हैं. इसके बावजूद इस भर्ती में सिर्फ सामान्य बीएसटीसी वाले अभ्यर्थियों और विशेष शिक्षा में बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को ही योग्य माना गया है.
याचिका में कहा गया कि सामान्य बीएसटीसी और स्पेशल शिक्षा में द्विवर्षीय डिप्लोमा आपस में समकक्ष योग्यता है. ऐसे में स्पेशल शिक्षा में डिप्लोमा रखने वाले अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.