Rajasthan - चुनाव प्रचार के दौरान और मतदान के दिन आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले सामने आते हैं. कई स्थानों से विवाद की बातें भी सामने आती हैं पर शिकायतें सही स्थान तक नहीं पहुंच पाती और उल्लंघन मामलों पर सही कार्रवाई नहीं हो पाती है.


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क्या है cVIGIL एप


निर्वाचन आयोग का सी विजिल एप (cVIGIL )  लोगों के लिए एक ऐसा माध्यम होगा, जिससे आम लोग आसानी से आचार संहिता उल्लंघन के प्रमाण सीधे  चुनाव आयोग को भेज पाएंगे और इसका निस्तारण 100 मिनट के भीतर होगा. इसके साथ ही  मामले की तुरंत सत्यता की जांच भी हो सकेगी और मामले में क्या कारवाई की जा रही है अथवा क्या कार्रवाई की गई, इसकी पूरी जानकारी भी शिकायतकर्ता को प्राप्त हो सकेगी.


चुनावी दौर शुरू होने के साथ वोटर्स को लुभाने की जुगत शुरू हो गई हैं, जिसमें शराब और पैसे बांटने के साथ मुफ्त में आइटम बांटने, आचार संहिता का उल्लंघन करने तक का सिलसिला शामिल है.इसकी शिकायत के लिए चुनाव आयोग का ‘सी-विजिल ऐप’ आपकी मदद करेगा. जनता इस एप में अपनी पहचान छिपाकर भी शिकायत कर सकते हैं. 


 500 शिकायतें प्रतिदिन  मिलती है एप के जरिए


राजस्थान में  विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता के उल्लघंन की करीब 4 हजार शिकायतें इस एप के माध्यम से आ चुकी हैं.औसतन करीब 500 शिकायतें प्रतिदिन आचार संहिता उल्लंघन की इस एप पर मिल रही हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया की सी-विजिल एप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर रिकॉर्ड समय में कार्रवाई हो रही है. 


प्रदेशभर में करीब 1900 एफएसटी 


बता दें कि प्रदेशभर में करीब 1900 एफएसटी (फ्लाइंग स्क्वॉड टीम) राउंड द क्लॉक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में घूम रही हैं..शिकायत मिलते ही ये टीमें तुरंत मौके पर पहुंचती है. और निस्तारण करती हैं. एफएसटी टीम में एक मजिस्ट्रेट स्तर का अधिकारी और 4 पुलिसकर्मियों का जाब्ता रहता हैं. उन्होने बताया की कई जागरूक मतदाता जिन्होंने दस से पंन्द्रह शिकायतें की हैं. और सभी शिकायतें सही मिली है. ऐसे जागरूक मतदाताओं को 25जनवरी राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर सम्मानित भी किया जाएगा..पिछले एक सप्ताह में प्रदेश भर से 4 हजार शिकायतें मिली जिनमें से रिटर्निंग ऑफिसर्स ने 800 शिकायतों को सही पाया और उनका तय समय सीमा में निस्तारण किया गया.


सबसे ज्यादा शिकायतें अलवर से


सी विजिल पर आदर्श आचार संहिता की सबसे ज्यादा शिकायतें 786 अलवर जिले से प्राप्त हुईं. जिसमें से 73 शिकायतों को सही पाया और उनका तय समय सीमा में निस्तारण किया गया. इसी तरह जयपुर जिले में 578 में से 152 शिकायतों को सही पाया और उनका तय समय सीमा में निस्तारण किया गया. उन्होंने बताया कि इस एप के माध्यम से अधिकतम सौ मिनट की समय सीमा में प्राप्त शिकायतों का समाधान किया जा सकता है. 


सी विजिल एप पर आम नागरिक पेड न्यूज, हथियारों का प्रदर्शन, मतदाताओं को प्रलोभन के लिए निःशुल्क उपहारों का वितरण, मतदाताओं को परिवहन साधनों से वोट डालने ले जाना, फेक न्यूज, डराना- धमकाना,सार्वजनिक प्रोपर्टी पर विज्ञापन, धन वितरण, हेट स्पीच, सांप्रदायिक भाषण और शराब व नशीले पदार्थ का वितरण सम्बन्धित शिकायत कर सकते है. आचार संहिता लागू होने से अब तक यानि पिछले सात दिन में प्रदेशभर में 1.50 लाख लोगों द्वारा सी विजिल एप डाउनलोड किया गया है.


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कम समय में होती है कार्रवाई


सी-विजिल एप को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया की अब तक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर पर्याप्त सबूतों के अभाव में कड़ी कार्रवाई से बच जाते थे.शिकायत के सत्यापन में तस्वीर या वीडियो के रूप में दस्तावेजी साक्ष्य की कमी भी बाधा थी.नया एप इन सभी खाइयों को पाटने का काम कर रहा है.उन्होंने बताया की जयपुर की मनोहरपुर नगरपालिका क्षेत्र में सुबह 09 बजकर 7 मिनट पर आचार संहित उल्लंघन की शिकायत मिली, जिस पर शाहपुरा एफएसटी के जरिए सुबह 9 बजकर 56 मिनट तक यानि 50 मिनट से भी कम समय में कार्रवाई की गई.


 माउंट आबू में भी हुआ उल्लघंन


 इसी तरह माउंट आबू के पास डूंडई मोड़ पर अवैध शराब के परिवहन की शिकायत मिली जिस पर पिंडवाड़ा फ्लाइंग दस्ते द्वारा 88 मिनट में कार्रवाई कर शराब को जब्त कर एफआईआर दर्ज की गयी.उदयपुर के रिषभदेव में शिलान्यास पट्टिका के मामले में आचार संहिंता के उल्लंघन की शिकायत शाम 5 बजकर 35 मिनट पर प्राप्त हुई, जिस पर 6 बजकर 14 मिनट यानि रिकॉर्ड 39 मिनट में कार्रवाई कर दी गयी.उन्होंने बताया की अगर आमजन को चुनाव में कहीं शराब या धन बंटते दिखती है. वोटर्स को ले जाने के लिए वाहन लगे हों या कोई फेक या पेड न्यूज दिखाई दी है तो सी विजिल एप पर शिकायत पर जिला निर्वाचन महज 100 मिनट में कार्यवाही कर देगा.


 वीडियो और फोटो से भी शिकायत संभव


आमजन को सिर्फ आचार संहिता उल्लंघन के दृश्य वाली एक फोटो या अधिकतम 2 मिनट अवधि का वीडियो रिकॉर्ड करके सी विजिल एप पर अपलोड करना होता है.उल्लंघन कहां हुआ है. इसकी जानकारी GPS के जरिये ऑटोमैटिकली संबंधित अधिकारियों को मिल जाती है..शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखते हुए यूजर को शिकायत अपलोड होने के बाद एक यूनिक आईडी मिलेगी, जिसके जरिए वे शिकायत के निराकरण को मोबाइल पर ही फॉलोअप ट्रैक कर सकते हैं.यदि शिकायत सही पाई जाती है तो निश्चित समय के भीतर कार्रवाई की जाती है.


मुख्य निर्वाचन अधिकारी  प्रवीण गुप्ता ने बताया की पहले से रिकॉर्ड वीडियो या फोटो को अपलोड करने की एप इजाजत नहीं देगा. ताकि एप का दुरुपयोग होने से रोका जा सके.इसके अलावा सी-विजिल एप के जरिए रिकॉर्ड किए गए वीडियो फोन गैलेरी में सेव नहीं होंगे. यह एप्लिकेशन केवल उन्हीं राज्यों की भौगोलिक सीमा के भीतर ही कार्य करेगी, जहां निर्वाचन चल रहे हैं..


बहरहाल, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए चुनाव आयोग जहां हर प्रयास में जुटा हुआ है.....आचार संहिता में कई तरह के नियम होते हैं, जिनका पालन उम्मीदवारों को चुनाव होने तक करना पड़ता है.चुनाव आयोग का भी पूरा फोकस आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराने पर होता है.पर कई प्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए इनका उल्लंघन करते हैं. इनसे निपटने के लिए ही चुनाव आयोग ने पिछले कुछ साल से तकनीक का सहारा लेना शुरू किया है.कड़ी में आयोग का सी-विजल ऐप काफी कारगर साबित हो रहा है..


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