Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि का आज चौथा दिन माता कुष्मांडा देवी को समर्पित है. आज के दिन मां दुर्गा को कुष्मांडा के स्वरूप में पूजा जाता है. आज के दिन मां कुष्मांडा की पूजा करने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं. राजा पार्क के पंचवटी स्थित वैष्णो देवी मंदिर में माता का विशेष श्रृंगार किया गया.


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वहीं, आमेर की शिला देवी मंदिर में भी पूजा पाठ कर माता से मनोकामना मांगी जा रही है. मंदिर के पुजारी मदन मोहन शर्मा ने बताया कि इस दिन मां कुष्मांडा की पूजा होती है, नवदुर्गा के नौ रूपों में मां चंद्रघण्टा चौथी देवी हैं. 


मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने के लिए नवरात्रि के समय को सबसे श्रेष्ठ माना गया है, जो साधक पूरे श्रद्धाभाव से मां की पूजा करता है, उसे चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) की प्राप्ति होती है. नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जा रही है. 


नवरात्रि के चौथे दिन की अधिष्ठात्री देवी मां कुष्मांडा हैं. माता का स्वरूप बड़ा अद्भुत और विलक्षण है. इनकी आठ भुजाएं हैं, जिनमें इन्होंने कमंडल, धनुष-बाण, कमल, अमृत कलश, चक्र और गदा धारण कर किए हुए हैं. इन अष्टभुजा माता के आठवें हाथ में सिद्धियों और निधियों की जप माला है, इनकी सवारी सिंह है. मां कूष्मांडा सृष्टि का निर्माण करनेवाली देवी हैं, जब किसी भी वस्तु का अस्तित्व नहीं था, तब कूष्मांडा देवी ने अपनी हंसी से इस सृष्टि का निर्माण किया था. 


इनका दैदिप्यमान तेज इन्हें सूर्य लोक में निवास करने की क्षमता देता है. इतना तेज और किसी मे नहीं, यह अतुलनीय हैं, समस्त दिशाएं और ब्रह्मांड इनके प्रभामंडल से प्रभावित है. मनुष्य इनकी आराधना से हर प्रकार की पीड़ा दुख और कष्टों से मुक्ति पाता है. रात-दिन इनकी उपासना से व्यक्ति स्वयं ही इनकी आभा को अनुभव कर सकता है. वह हमें सुख-समृद्धि और यश दिलाता है. माता अपने भक्त की आराधना से जल्दी ही प्रसन्न हो जाती हैं. 


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