Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने पटवारी को पच्चीस साल पहले दिए सेवा परिलाभ को दिसंबर 2017 में वापस लेने के आदेश को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने सेवानिवृत्त पटवारी को सेवानिवृत्त परिलाभ छह फीसदी ब्याज सहित देने को कहा है. जस्टिस अशोक गौड की एकलपीठ ने यह आदेश रामस्वरूप वर्मा की याचिका पर दिए. 


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साथ ही अदालत ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि कर्मचारी को दिए सेवा परिलाभों को 25 साल बाद यह कहते हुए वापस लिया गया कि उसकी पे-स्केल बदल गई है. वरिष्ठ अफसरों का अपने जूनियर कर्मचारियों के साथ ऐसा करना न्यायोचित नहीं कहा जा सकता. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति 29 जुलाई 1983 को हुई थी. वहीं जुलाई 1992 में उसका फिक्सेशन किया गया. इसके बाद वर्ष 2002 में उसे सलेक्शन स्केल का लाभ भी दिया गया. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता जुलाई 2017 में सेवानिवृत्त हो गया.


आपको बता दें कि इसके बावजूद विभाग ने उसको परिलाभ नहीं दिए और 21 दिसंबर 2017 को बताया कि पे स्केल बदलने के कारण उसे सेवानिवृत्त परिलाभ नहीं दे सकते हैं. याचिका में कहा गया कि पच्चीस साल पहले दिए गए परिलाभ को अब रद्द नहीं किया जा सकता और उसके पेंशन परिलाभ भी नहीं रोके जा सकते हैं, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 25 साल पहले दिए परिलाभ को रोकने के आदेश को रद्द कर दिया है.


Reporter: Mahesh Pareek


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