Jaipur-एक बार फिर से जी राजस्थान न्यूज की खबर का दमदार असर हुआ है.  मीडिया के खुलासे के बाद अब नागौर अधीक्षण अभियंता रामचंद्र राड के बेटे की फर्म की जांच शुरू हो गई है. नियमों के तहत जलदाय विभाग के इंजीनियर्स के रिश्तेदार उनके क्षेत्राधिकार में काम नहीं कर सकता.


नियमों को ताक पर रख शपथ पत्र


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जलदाय विभाग में नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले नागौर के विवादित अधीक्षण अभियंता रामचंद्र राड और उनके बेटे की फर्म की कार्रवाई होगी. मीडिया ने पूरे मामले का खुलासा करने के बाद अब पीएचईडी ने जांच शुरू कर दी है. जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर मुख्यालय ने प्रदेश के सभी एडिशनल चीफ इंजीनियर को खत लिखकर रिपोर्ट मांगी है.राड इंजीनियरिंग फर्म के तीन सालों के कार्यादेश और मौजूदा स्थिति को लेकर जानकारी मांगी गई. 


अजमेर रीजन में जब राड फर्म ने टैंडर लगाया तो अधीक्षण अभियंता नागौर रामचंद्र राड की पोल खुल गई.नियमों के तहत किसी भी इंजीनियर का रिश्तेदार उनके क्षेत्राधिकार में काम नहीं कर सकता,लेकिन रामचंद्र राड के बेटे की फर्म तो उन्हीं के अजमेर रीजन में टैंडर लगाया था.


क्या सर्किल,डिवीजन स्तर पर होगी जांच?


तत्कालीन चीफ इंजीनियर मुख्यालय केडी गुप्ता ने बिना जांच किए मैसर्स राड इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को एए क्लास अस्थाई रूप से पंजीकृत कर दिया.जी मीडिया की खबर के बाद सभी एडिशनल चीफ को खत तो लिख दिया,लेकिन क्या जलदाय विभाग सर्किल और डिवीजन स्तर पर भी जांच करेगा.क्योंकि इसी से पता लगेगा कि क्या रामचंद्र राड ने बेटे की फर्म को क्या खुद ने भी लाभ पहुंचाया? खैर जांच तो शुरू हो गई है,लेकिन रिपोर्ट कब आएगी,क्योंकि जलदाय विभाग में वैसे भी रिपोर्ट आने में वक्त लग ही जाता है.


क्या दूसरे प्रकरणों की जांच करेगा विभाग?


रामचंद्र राड के बेटे की फर्म तो सिर्फ उदाहरण है,यदि जलदाय विभाग दूसरे प्रकरणों की जांच करे तो और भी चौकाने वाले खुलासे हो सकते है.क्योंकि जलदाय विभाग में पार्टनशिप और खुद ही फर्म चलाने का खेल सालों से चल रहा है.