राजस्थान में बीजेपी पर रंधावा ने साधा निशाना, कहा कि प्रदेश में कोई सत्ता परिवर्तन नहीं होगा
Rajasthan BJP: राजस्थान भारतीय जनता पार्टी ने अपनी परिवर्तन यात्रा के तीसरे दिन रामदेवरा से यात्रा का आगाज किया. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ राजस्थान बीजेपी के प्रमुख चेहरे मंच पर मौजूद रहे.
Rajasthan BJP: राजस्थान बीजेपी ने परिवर्तन की संकल्प की बात तो कही,लेकिन इधर कांग्रेस की तरफ से प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बीजेपी को आइना दिखाने की कोशिश की है. रंधावा ने कहा कि प्रदेश में कोई सत्ता परिवर्तन नहीं होगा. उन्होंने लोगों को चेताते हुए कहा कि अगर सत्ता परिवर्तन हुआ तो उसका नुकसान जनता को उठाना पड़ सकता है.
कांग्रेस के खिलाफ परिवर्तन का बिगुल बजाकर बीजेपी चुनावी मैदान में सक्रिय हो गई है. पिछले तीन दिन में तीन जगह से परिवर्तन संकल्प यात्रा का आगाज हुआ.सोमवार को रामदेवरा में हुई यात्रा के दौरान सीमावर्ती जिले से बीजेपी ने राज्य सरकार पर हल्ला बोला. केन्द्रीय मन्त्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता के साथ कांग्रेस सरकार ने ठगी की है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि जनता ने इस सरकार को भी देखा और वसुंधरा सरकार को भी देखा.राजनाथ ने कहा कि आप आकलन कर सकते हैं और यह तय कर सकते हैं कि आपको क्या करना है?राजनाथ ने कहा कि राजस्थान भ्रष्टाचार के मामले में नंबर एक पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि अब पक्का हो गया है? कि अब राजस्थान में प्रचंड बहुमत की सरकार को कोई नहीं रोक सकता है.
उधर बीजेपी के परिवर्तन संकल्प को पीसीसी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा आईना दिखाने की कोशिश करते दिखे.रंधावा ने कहा कि जिस परिवर्तन की बात बीजेपी करती है.वह परिवर्तन यहां नहीं आने वाला.रंधावा ने राजस्थान सरकार के काम गिनाते हुए कहा कि आखिर बीजेपी यहां क्या परिवर्तन चाहती है?.रंधावा बोले कि जो पूरे हिंदुस्तान में नहीं हुआ वह राजस्थान में हो गया.गैस के दाम से लेकर उन्होंने बिजली के बिलों में राहत, ओल्ड पेन्शन स्कीम और लोगों को महंगाई के दौर में मिल रही सहूलियतों का ज़िक्र किया.
रंधावा ने बड़ी बात करते हुए कहा कि अगर बीजेपी आई तो बिजली की सब्सिडी बंद करने की चिट्ठियां लोगों के घर भेजेगी.वे बोले कि कांग्रेस ने किसानों की जो बिजली माफ की वह भी किसानों से वसूली जाएगी.
रंधावा ने कांग्रेस पार्टी के काम गिनाकर बीजेपी के परिवर्तन संकल्प को कमज़ोर करने की कोशिश तो की.लेकिन सवाल यह है? कि जनता के मन में किसकी बात बैठेगी?.उस प्रभारी की बात लोगों को रास आएगी जो चुनावी साल में दस-दस दिन तक अपने प्रदेश को नहीं संभाल रहे.या उस पार्टी की बात लोगों को सुहाती सी लगेगी.जो लोगों के बीच जा रही है?
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