Rajasthan Politics, Jaipur News: राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और गहलोत सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट एक बार फिर मुखर दिख रहे हैं. राजस्थान सरकार पर सवाल उठाते हुए पायलट ने तत्कालीन वसुंधरा सरकार के खिलाफ लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की. पायलट ने कहा कि वसुंधरा सरकार के समय कांग्रेस विपक्ष में थी और तब कांग्रेस की तरफ से उन्होंने खुद और उनके साथ अशोक गहलोत ने तत्कालीन राजे सरकार पर अवैध बजरी खनन, जमीन घोटाले , कालीन घोटाले , शराब घोटाले और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल के ललित मोदी को किए गए सहयोग को लेकर आरोप लगाए थे. पायलट ने कहा कि उन आरोपों पर सवा चार साल बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है.


सचिन पायलट का एक बार राजस्थान सरकार पर सवाल


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पायलट बोले कि इस पर कार्रवाई की मांग को लेकर उन्होंने सरकार के मुखिया को पिछले साल 28 मार्च को पत्र लिखा था लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया. अब सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को जगाने के लिए शहीद स्मारक पर अनशन करने का निर्णय ऐलान किया है. पायलट ने 11 अप्रैल को महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती का दिन सचिन पायलट ने चुना है जब पायलट शहीद स्मारक पर अपनी मांगों के साथ अनशन करेंगे.


लोग कर रहे गहलोत-वसुंधरा के बीच मिलीभगत-  सचिन पायलट 


पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी की सरकार बनती है. उन्होंने कहा कि कई बार यह आरोप लगते हैं कि क्या वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच कोई मिलीभगत तो नहीं चल रही है? पायलट बोले कि ऐसे में जिन मामलों पर मैंने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए और वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वरिष्ठ नेता होते हुए बीजेपी पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए थे, उन पर कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह बताना चाहिए की दोनों नेताओं के बीच कोई गठजोड़ नहीं है.


राजस्थान की एजेंसियों का ना उपयोग हो रहा, ना सदुपयोग- सचिन पायलट


सचिन पायलट ने पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार की बातों को उठाते हुए कहा कि एक तरफ तो केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, गैर बीजेपी नेताओं पर लगातार कार्रवाई कर रही है. दूसरी तरफ राजस्थान की सरकार है, जहां ना तो एजेंसियों का उपयोग हो रहा है, ना ही दुरूपयोग. इसके बयान के बाद ऐसा लग रहा है कि पायलट ने अपनी ही सरकार को भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई नहीं करने पर आड़े हाथ ले लिया है.


पायलट बोले - जांको राखे साइयां, मार सके ना कोई


अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने की बात सचिन पायलट ने कहा कि शनिवार को मशाल जुलूस के दौरान जब उन पर कुछ अंगारे गिर गए थे, उस पर मिलीभगत को लेकर आरोप लगे तो सचिन पायलट ने कहा कि, '' जांको राखे साइयां, मार सके ना कोई.''
इस दौरान सचिन पायलट ने विपक्ष में रहते हुए अशोक गहलोत की तरफ से तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर लगाए आरोपों के करीब एक दर्जन वीडियो भी मीडिया से साझा किए. जिसमें गहलोत ने वसुंधरा राजे और तत्कालीन भाजपा सरकार पर आरोप लगाए थे.


ये भी पढ़ें- अशोक गहलोत कुर्सी बचाते है, अबला की अस्मत नहीं, बाड़मेर में सतीश पूनिया का सरकार पर निशाना


सचिन पायलट ने 28 मार्च 2022 को सरकार के मुखिया को लिखे पत्र को साझा करते हुए कहां उन्होंने सरकार से वसुंधरा सरकार के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की थी. पायलट ने इस पत्र की कॉपी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी, तत्कालीन प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन और राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को भी भेजी थी. पायलट ने कहा कि, मैं भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के मामले में सो नहीं रहा था, बल्कि सरकार को एक साल पहले पत्र लिख चुका हूं. उन्होंने कहा कि एक साल बाद मैंने पब्लिक डोमेन में यह बातें रखी है, जो जनता के सामने आनी चाहिए थी. उन्होंने यह भी कहा कि इस साल चुनाव होने वाले हैं. चुनाव में छह-सात महीने का वक्त बचा है. 


ऐसे में जनता को यह लगना चाहिए कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है. इसीलिए बार-बार भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग उठा रहा हूं. ज्योतिबा फुले जयंती पर अनशन का दिन चुनने के सवाल पर पायलट ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले महान समाज सुधारक थे. उन्होंने हमेशा समाज सुधार की बात की, इसलिए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए उनकी जयंती का दिन चुना है.