जयपुर: यदि सबकुछ ठीक रहा तो सबसे बडे एलीवेटड रोड पर जुलाई से वाहनों का दौडना शुरू हो जाएगा.अब अम्बेडकर सर्किल से अजमेर रोड सोडाला मंडी तक पहुंचने में महज दस मिनट का समय लगेगा.जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से बनाए जा रहे एलीवेटड रोड का निर्माण काफी तेजी से चल रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

करीब छह साल पहले शुरू हुआ सोडाला एलिवेटेड के काम ने रफ्तार पकड ली हैं. प्रदेश में सबसे बड़े एलिवेटेड रोड इस साल जुलाई से आमजन के लिए खुल जाएगा. जयपुर जेडीए की ओर से जयपुर में हवा सड़क पर बनाए जा रहे इस एलिवेटेड रोड का काम मई तक पूरा हो गया है. जून में इस एलीवेटेड रोड की लोड टेस्ट किया जाएगा और सबकुछ ठीक रहा तो इस पर जुलाई से गाड़ियां चलने लगेगी. खास बात ये है कि इस एलिवेटेड रोड को अजमेर रोड के एलिवेटेड रोड से हवा में ही कनेक्ट किया जाएगा.


यह भी पढ़ें: जयपुर के इस नामी होटल में मसाज कराने आई थी विदेशी युवती, सर्विस प्रोवाइडर ने किया बलात्कार


अजमेर रोड एलिवेटेड से बड़ा है यह फ्लाईओवर


इससे वाहन चालक को बिना किसी रुकावट के अम्बेडकर सर्किल से अजमेर रोड सोडाला मंडी तक पहुंच सकेंगे. करीब 2.8 किलोमीटर लम्बा ये एलिवेटेड रोड जयपुर में बने अजमेर रोड एलिवेटेड से भी बड़ा है. हालांकि,अब इससे बड़ा एलिवेटेड रोड जोधपुर जिले में बनाया जाना प्रस्तावित है. जिसकी लम्बाई करीब 9 किलोमीटर है. इस एलिवेटेड की डीपीआर बनाने का काम चल रहा है. अगर ये एलिवेटेड रोड मूर्त रूप लेता है तो शहरी क्षेत्र में बनने वाला यह राजस्थान का सबसे बड़ा एलिवेटेड रोड होगा. जेडीसी गौरव गोयल ने बताया की सोडाला एलिवेटेड रोड का काम 92 फीसदी पूरा हो गया है.


जून आखिरी हफ्ते तक पूरा कर लिया जाएगा काम


इस एलिवेटेड रोड का कुछ काम बचा है, जिसमें 22 गोदाम पर जयपुर-दिल्ली और जयपुर सवाई माधोपुर लाइन को पार करके राम मंदिर तिराहे तक का पेंच. इसके अलावा सोडाला जंक्शन पर अजमेर रोड एलिवेटेड से कनेक्ट करना है. ये काम मई अंत तक पूरा होने की उम्मीद है.


सोडाला एलिवेटेड प्रोजेक्ट पर एक नजर-


एलीवेटेड रोड की लम्बाई-अम्बेडकर सर्किल से सोडाला तिराहे तक (2.8 किलोमीटर), हवासड़क चम्बल पावर हाउस से अम्बेडकर सर्किल से पहले (1.8 किलोमीटर)
लागत- 225 करोड़ रुपए
पिल्लर बनाए- 112
काम शुरू हुआ- अगस्त 2016
काम पूरा होगा- मई 2022



ये रहे देरी के कारण-


अलाइनमेंट में आ रही सर्विसेज की शिफ्टिंग
ट्रैफिक क्लोजर न मिल पाना, महात्मा फूले की प्रतिमा शिफ्टिंग
कोविड-2020लॉकडाउन, निर्माण एजेंसी के द्वारा विलंब
रेलवे के द्वारा डिजाइन स्वीकृति में देरी
कोविड महामारी-2021 लॉकडाउन


कोरोना की वजह से प्रोजेक्ट हुआ था धीमा


करीब 225 करोड रुपए की लागत से बन रहे सोडाला एलिवेटेड प्रोजेक्ट अगस्त 2016 में शुरू हुआ था. तब इसे पूरा करने की डेडलाइन जून 2019 रखी थी. जून में पूरा नहीं होने के बाद इसकी डेडलाइन को एक साल के लिए यानी मई 2020 तक बढ़ा दिया था.मार्च 2020 में कोरोनाकाल शुरू होने के बाद से प्रोजेक्ट का काम धीमा पड़ गया और ये 3 साल पीछे रह गया.
जेडीसी गौरव गोयल के मुताबिक,  इस एलीवेटेड रोड के बनने से जयपुर में 22 गोदाम, हवा सड़क, सोडाला तिराहा पर लगने वाले ट्रेफिक जाम से बड़ी राहत मिलेगी. अभी अम्बेडकर सर्किल से 22 गोदाम सर्किल, हवा सड़क होते हुए सोडाला सब्जी मंडी पहुंचने में करीब 20 से 25 मिनट का समय लगता है. एक सर्वे के अनुसार अभी इस रोड पर पीक ऑवर्स में भवानी सिंह रोड पर तो महज पांच किमी प्रति घंटा और इसके बाद करीब 17 किमी प्रति घंटा की स्पीड से वाहन रेंगते हैं. वहीं,  हवा सड़क रोड पर यह स्थिति सुधरकर पीक ऑवर्स में 23 किमी प्रति घंटा और अन्य घंटों में यह बढ़कर 39 किमी के आस-पास हो जाती है.


जेडीए ने 50 किमी प्रति घंटा की स्पीड तय की


एलिवेटेड रोड पर जेडीए 50 किमी प्रति घंटा की स्पीड मानकर चल रहा है. जबकि यातायात पुलिस ने शहर में 60 किमी प्रति घंटा की गति को तय कर रखा है. अभी अम्बेडकर सर्किल से सोडाला तक पहुंचने में 20 से 25 मिनट का समय लगता है, लेकिन एलिवेटेड से जाने पर महज पांच से सात मिनट का ही समय लगेगा.


यह भी पढ़ें: सुबह-सुबह 8 राउंड फायरिंग से दहल उठा फुलेरा, इमरान का सीना गोलियों से हुआ छलनी


प्रदूषण समेत साउंड और जाम से मिलेगी निजात


बहरहाल, अंम्बेडकर सर्किल से सोडाला तक 2.8 किमी तक की लेन होगी.वहीं,  दूसरी लेन चम्बल पॉवर हाउस से गंदे नाले तक 1.8 किमी की होगी. 2.8 किमी की लेन में करीब आधा दर्जन रेड लाइट पड़ती हैं.अजमेर रोड जाने वाले वाहन चालकों को इस सिग्नलों से मुक्ति मिलेगी.साथ ही इस प्रोजक्ट के पूरा होने के बाद लाखों शहरवासियों वायु और ध्वनि, के अलावा जाम से भी निजात मिलेगी.