Jaipur: जयपुर के महेश नगर इलाके से निजी स्कूल की 11 वीं और 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाली दो सगी बहने 3 फरवरी से लापता है. जिनका 40 दिन बाद भी पुलिस अब तक दस्तयाब नहीं कर पायी. 


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वहीं लापता बालिकाओं के परिजन पुलिस की मदद से लखनऊ, दिल्ली और इंदौर में पिछले 1 महीने से अपनी दोनों बेटियों को ढूंढने का काम कर रहे हैं. परिजनों ने जयपुर के पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव से मुलाकात कर बच्चियों की तलाश करने की गुहार लगायी. पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चियों की तलाश की जा रही है. 


तलाश के लिए अलग-अलग टीमों का गठन कर दिया गया है. दोनों बच्चियां अकेली ही जयपुर से लखनऊ पहुंची और वहां पर अनेक पीजी में जाकर खुद के रहने के लिए जगह भी देखी है. कई पीजी वालों को बच्चियों ने लखनऊ में रहकर नौकरी करने और पढ़ाई करने की बात भी कही है. बच्चियों के इंदौर, भोपाल और दिल्ली में होने की सूचना पर पुलिस की टीम ने उन शहरों में जाकर भी काफी तलाश की है लेकिन बच्चियों का कोई भी सुराग पुलिस के अब तक हाथ नहीं लग सका है.


लापता हुई दोनों बच्चियों के पिता ने बताया कि वह 3 फरवरी को अपनी दोनों बेटियों को करतारपुरा स्थित स्कूल छोड़कर आए थे. जहां से दोनों बच्चियां अपनी एक टीचर के घर जाकर नीट के पेपर के लिए इंपोर्टेंट क्वेश्चन नोट करने की बात कह कर निकल गई. जब दोनों बच्चियां शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उनकी तलाश की और स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला तो दोनों बच्चियां स्कूल से बाहर निकलते हुए दिखाई दीं.


इसके बाद परिजनों ने महेश नगर थाने में दोनों बच्चियों के गायब होने की शिकायत दर्ज करवाई. जिस टीचर के घर जाने की बात कहकर बच्चियां स्कूल से निकली थी. उस टीचर के घर पर भी बच्चियां नहीं पहुंची. 4 फरवरी को दोनों बच्चियों ने लखनऊ से अपनी टीचर को फोन कर खुद के लखनऊ होने की जानकारी दी. जिस पर चांद कंवर ने यह जानकारी स्कूल के डायरेक्टर को दी. 


पिता ने बताया कि जब बच्चियों के लखनऊ पहुंचने की जानकारी मिली तो वह अपने रिश्तेदारों को लेकर लखनऊ पहुंचे और तकरीबन 1 महीने तक लखनऊ की अनेक गलियों में अपनी दोनों बच्चियों की तलाश की, लेकिन उनका कोई भी सुराग नहीं मिला. लापता बच्चियों के दादा का कहना है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर प्रशासन द्वारा काफी ढिलाई बरती जा रही है. 


अनेक बार कहने के बावजूद भी इस ओर कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके चलते समाज में काफी आक्रोश है. उन्होंने कड़े शब्दों में पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 3 दिन के अंदर पुलिस बच्चियों को ढूंढ कर नहीं लाती है और स्कूल प्रशासन के विरुद्ध कोई एक्शन नहीं लिया जाता है तो जयपुर की सड़कों पर समाज के लोग उतरेंगे. एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.


सीएम गहलोत के सामने रो पड़ा पिता
मुख्यमंत्री के सामने पीड़ित पिता ने अपनी दास्तान सुनाई तो सीएम गहलोत ने मामले के बारे में अधिकारियों से फीडबैक लेकर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि आप भरोसा रखिए. पुलिस आपकी बेटियों को तलाश कर लाएगी. मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया तो पिता का शांत हुए. दरअसल पीड़ित पिता मूल रूप से मालपुरा के रहने वाले हैं, लेकिन जयपुर में पिछले काफी लंबे समय से महेश नगर इलाके में रह रहे हैं. दोनों बेटियां यहीं पढ़ाई करती थीं. 


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पीड़ित पिता ने आशंका व्यक्त की कि संभवतः दोनों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग गिरोह ने अगवा किया है. पीड़ित पिता कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा के पिता के पुराने साथी हैं. बैरवा ने मामले की जानकारी मिलने पर तुरंत सीएम से मुलाकात करवाई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओएसडी को इस मामले में तुरंत फीडबैक लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.