जयपुर: उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के बाद राज्य सरकार ने उनके बेटे को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया है. मंत्रिमंडल ने संवेदनशील निर्णय लेते हुए मृतक कन्हैयालाल तेली के बेटे यश तेली और तरूण तेली को राजकीय सेवा में नियुक्ति देने का निर्णय लिया है. नियुक्ति के लिए नियमों में शिथिलता दी गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक यह फैसला लिया गया है . 


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यह नियुक्ति राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिकवर्गीय सेवा (संशोधन) नियम, 2008 एवं 2009 के नियम 6ग के अंतर्गत प्रदान की जाएगी. दहशत फैलाने वाली इस जघन्य घटना के कारण मृतक के परिवार में जीविकोपार्जन का अन्य कोई स्त्रोत नहीं होने से आश्रितों को नियुक्ति दिए जाने पर जीवनयापन सुचारू रूप से चलेगा. साथ ही परिवार को आर्थिक एवं मानसिक संबल प्राप्त होगा. बता दें कि कन्हैयालाल अपने घर में अकेला कमाने वाला था. कन्हैयाल की हत्या के बाद घर में परिवार चलाने के लिए कोई उपाय नहीं है. 


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गौरतलब है कि ऐसे व्यक्ति के एक आश्रित को जिसकी वर्ष 1992 या उसके बाद बलवो, आतंकवादी हमलों, आंदोलनों, धरनों, प्रदर्शनों और रैलियों जैसी घटनाओं में मृत्यु हो जाती है, उसे सरकारी नियुक्ति दी जा सकती है. ऐसे में एक पुत्र को नियमानुसार अनुकंपात्मक नियुक्ति प्रदान की जा सकती है. इस निर्णय से दूसरे आश्रित को भी नियुक्ति मिल सकेगी.


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28 जून को कन्हैयालाल की हुई थी निर्मम हत्या


बता दें कि 28 जून को कन्हैयालाल की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी. गौस मोहम्मद और रियाज ने कन्हैयालाल की दुकान पर धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी थी. इस घटना ने प्रदेश समेत पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. घटना को लेकर राजस्थान में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. लोगों ने कन्हैयालाल के बेटे को सरकारी नौकरी देने की मांग की थी. जिसपर राज्य सरकार ने नियमों में ढील देते हुए कन्हैयालाल के बेटे को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया है. कन्हैयालाल के बेटे ने सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा के उस पोस्ट को शेयर कर दिया था, जिसमें नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पणी की थी. इसको लेकर मुस्लिम समाज ने आक्रोश जताया था. वहीं, गौस मोहम्मद और रियाज ने कन्हैयालाल की बर्बरता से हत्या कर दी थी.