केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर प्रहार, कहा-घर का झगड़ा छुपा नहीं पाए
Jaipur News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 68वें राष्ट्रीय अधिवेशन के आज तीसरे और अंतिम दिन है जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान राष्ट्रीय अधिवेशन में शिरकत करने पहुंचे.
Jaipur: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 68वें राष्ट्रीय अधिवेशन के आज तीसरे और अंतिम दिन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान राष्ट्रीय अधिवेशन में शिरकत करने पहुंचे. राष्ट्रीय अधिवेशन में शिरकत करने के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जमकर साधा निशाना. इसके साथ ही सचिन पायलट से भाजपा का किसी भी प्रकार का कोई नाता होने की बात को भी सिरे से नकारा. यहां तक कि धर्मेंद्र प्रधान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घर का झगड़ा घर में ही सुलझा ने की नसीहत दे डाली.
राष्ट्रीय अधिवेशन के आज अंतिम दिन प्रा. यशवंतराव केलकर पुरस्कार का आयोजन किया गया. यह पुरस्कार केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समाजसेवी नंद कुमार पालवे को देकर सम्मानित पुरस्कार समारोह के बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जब मीडिया से बात कर रही थी तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 'यहां कोई सरकार नहीं है, यहां एक आपसी लड़ाई करने वाले लोग हैं. यह सत्ता लोलुप लोगों की संस्था है. पिछले चुनाव में जो मैंडेट मिला था, उस मैंडेट का अनादर कर रहे हैं. भ्रष्टाचार से डूबे हुए हैं, आपसी रंजिश चरम पर है, लोक कल्याणकारी योजनाएं इनकी लिस्ट में नहीं है'.
साथ ही 2023 में कांग्रेस द्वारा फिर से सरकार बनाने के दावे का जब धर्मेंद्र प्रधान से सवाल किया गया है, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कल रात को जब मैं गाड़ी में आ रहा था तो एक चालक से पूछा 2023 में राजस्थान में क्या होगा, तो उसमें कहा कि यह तो गए, इसका मतलब साफ है कि राजस्थान के लोगों में कोई शंका नहीं है. राजस्थान के लोगों के मन की बात यहां की दीवारों पर लिखी हुई है.
बता दें कि 2023 में राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का कोई चेहरा नहीं होने के सवाल पर धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब देते हुए कहा कि 2023 के चुनाव में भाजपा का चेहरा विश्व का सबसे लोकप्रिय चेहरा है और वह नरेंद्र मोदी का, जब वसुंधरा राजे पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी तो उस समय राजनाथ सिंह अध्यक्ष थे. विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास चेहरों की कमी नहीं है, लेकिन भाजपा कमल के निशान पर चुनाव लड़ती है और उनका चेहरा नरेंद्र मोदी हैं.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट विवाद पर कहा कि कांग्रेसियों पर वो कहावत फिट बैठती है कि नाच ना जाने आंगन टेढ़ा. सचिन पायलट भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता नहीं है. कभी-कभार जब मुलाकात होती है तो राम-राम हो जाती है. मैं अशोक गहलोत का भी आदर करता हूं, वह एक बड़े नेता है, जन नेता है, लेकिन उनके घर का झगड़ा भी वह छुपा नहीं पा रहे हैं.
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