जयपुर: राजस्थान विधानसभा में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अभिनंदन कार्यक्रम हुआ. उपराष्ट्रपति को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि उपराष्ट्रपति बनने के बाद मैं दूसरी बार राजस्थान आया हूं, मेरे लिए एक भावुक पल है. मैं इस सम्मान से अभिभूत हूं. मेरे लिए राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करना जीवन का सबसे बड़ा संतोष जनक पल है. धनखड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ अनुभव को साझा किया.


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 विधानसभा में अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि मैं स्पीकर सीपी जोशी का आभारी हूं, मुख्यमंत्री गहलोत से मेरा 50 साल से ज्यादा का नाता है, राजनीति में किसी पाले में रहे हो, लेकिन पारिवारिक रिश्ता हमेशा बना रहा. मैं जब बंगाल का राज्यपाल था, तब मैंने वसुंधरा राजे से मदद मांगी थी, मेरी सीएम ममता बनर्जी हैं इसलिए कोई जादू टोना मुझे भी बताएं, गुलाब चंद कटारिया, कैलाश मेघवाल, राजेंद्र राठौड़ को याद किया, धनखड़ ने कहा कि मैंने राजेंद्र राठौड़ का प्रचार किया था. 


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अमर्यादित आचरण बहुत बड़ी चुनौती- उपराष्ट्रपति


अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जगदीप घनखड़ ने नेताओं को अनुशासन के साथ व्यवहार करने और पेश आने की सलाह दी. धनखड़ ने कहा कि जीवन हो या विधानमंडल सभी जगहों पर अनुशासन जरूरी है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि जिन लोगों के ऊपर लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी है अगर वहीं जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लें तो लोकतंत्र बचना मुश्किल हो जाएगा. अमर्यादित आचरण जीवन की सबसे बड़ी चुनौती है. आज संसद और लोकतंत्र के सामने अमर्यादित आचरण बहुत बड़ी चुनौती है. इस पर अंकुश लगना चाहिए.


मैं अशोक गहलोत जी की बात कभी नहीं टालता- उपराष्ट्रपति


जगदीप धनखड ने कहा कि जिस जादूगरी की चर्चा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की है. वो मैंने ताऊ देवीलाल और भेरो सिंह शेखावत से सीखी थी, लेकिन उन्होंने कहा था इस जादूगरी को सीक्रेट रखना, लेकिन वो दोनों महानुभाव यहाँ नहीं है तो ये सीक्रेट रिवील नहीं कर सकता. मैं अशोक गहलोत जी की बात कभी नहीं टालता हूं. 


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