कल हटेगा पर्दा, कौन बनेगा शहरी सरकार का मुखिया? शाम तक आएंगे नतीजे
नगर निगम ग्रेटर (शहरी सरकार) का मुखिया कौन होगा इसका फैसला कुछ घंटे बाद हो जाएगा. भाजपा की रश्मि सैनी और कांग्रेस की हेमा सिंघानिया के बीच महामुकाबला है. चुनाव दोनों ही पार्टियों के दिग्गजों की प्रतिष्ठा का सवाल भी बना है.
जयपुर: नगर निगम ग्रेटर (शहरी सरकार) का मुखिया कौन होगा इसका फैसला कुछ घंटे बाद हो जाएगा. बाडेबंदी में कैद भाजपा और कांग्रेस के पार्षद करीब एक सप्ताह बाद बाहर आएंगे और मेयर पद के लिए वोटिंग करेंगे...मतदान से पहले भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज अपने-अपने पार्षदों को पार्टी की रीति-नीति का पाठ पढाने में लगे हैं, क्योंकि मेयर का चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर हैं.
भाजपा की रश्मि सैनी और कांग्रेस की हेमा सिंघानिया के बीच महामुकाबला है, जिसके पक्ष में 74 वोट मिलेंगे वो शहरी सरकार (ग्रेटर निगम) का मुखिया होगा. इस मुकाबले के लिए नगर निगम ग्रेटर में मेयर पद के लिए कल सुबह 10 दोपहर 2बजे तक मतदान होगा, जिसमें 146 मतदाता (पार्षद) अपना वोट कास्ट कर मेयर को चुनेंगे. दोनों पार्टियों जहां जीत की रणनीति बना चुकी है..वहीं मतदान के लिए जिला निर्वाचन के अधिकारियों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं.करीब एक सप्ताह की मौज-मस्ती के बाद बाडाबंदी मे कैद दोनों ही पार्टियों के पार्षदों को मतदान के लिए नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय लाया जाएगा.
भाजपा अपने पार्षदों को सबसे पहले भाजपा मुख्यालय लाएगी और उसके बार नगर निगम ग्रेटर में मतदान के लिए रवाना करेगी. उधर कांग्रेस के सभी पार्षद सीधे ही मतदान के लिए नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय पहुंचेगे .नगर निगम ग्रेटर में भाजपा बहुमत में है, लेकिन उतना ही क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. उधर कांग्रेस के नेता मतदान से एक दिन पहले बयान दे रहे है की कांग्रेस के पास खोने को कुछ नही हैं, लेकिन क्रॉस वोटिंग से उन्हे अपना कांग्रेस का मेयर बनाने की उम्मीद है. कांग्रेस अपने कुनबे में 53 पार्षद होने का दावा कर रही हैं.
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भाजपा से रश्मि सैनी और कांग्रेस से हेमा सिंघानिया के बीच मुकाबला
वहीं, भाजपा की बाडाबंदी में 90 से ज्यादा पार्षद होने का दावा किया जा रहा हैं. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा की नगर निगम ग्रेटर में भाजपा का बोर्ड बनेगा. भाजपा प्रत्याशी रश्मि सैनी नगर निगम ग्रेटर की महापौर बनेगी. सरकार की तमाम कोशिश नाकाम साबित होंगी और उम्मीद से भी ज्यादा वोट रश्मि सैनी के पक्ष में पडेंगे. कांग्रेस के संपर्क में भाजपा के पार्षद होने के सवाल पर कहा की हो सकता है किसी का रिश्तेदार हो, किसी ना किसी तरह संपर्क हो सकते है. उधर भाजपा अपने कुनबे को बढाने का अंतिम समय तक प्रयास कर रही हैं. इसी कडी में सांगानेर विधानसभा से निर्दलीय पार्षद जय वशिष्ठ को विधायक अशोक लाहोटी के नेतृत्व में भाजपा ज्वाइन करवाई.कांग्रेस की ओर से मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा की हमारे पास नंबर गेम नही हैं, लेकिन ग्रेटर निगम में भाजपा के पास नंबर गेम है.लेकिन हमे क्रॉस वोटिंग से उम्मीद है. भाजपा का पार्षद हमारे पास आएगा हम उसका सम्मान करेंगे.हालांकि कांग्रेस बहुमत से 21 वोट दूर है. हम तो अपना प्रयास कर रहे हैं.खरीद फरोख्त का काम भाजपा करती हैं....
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नगर निगम ग्रेटर का गणित
बीजेपी- 85
कांग्रेस- 49
निर्दलीय-12
रिक्त-04
मेयर बनने के लिए 74वोट की जरूरत
भाजपा प्रत्याशी रश्मि सैनी- नगर निगम ग्रेटर में लाइट समित 'ए' की चेयरमैन हैं. विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र में वार्ड संख्या-12 से पार्षद हैं.रश्मि के पति राजेन्द्र सैनी 2003 से भाजपा से जुडे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी हेमा सिंघानिया- वार्ड 74 से कांग्रेस से पार्षद हैं.पहली बार कांग्रेस से पार्षद बनी हैं.हेमा सिंघानिया के पति सुनील सिंघानिया यूथ कांग्रेस में शहर अध्यक्ष हैं.
नगर निगम ग्रेटर मेयर का चुनाव दोनों ही पार्टियों के दिग्गजों की प्रतिष्ठा का सवाल भी बन गया है. अंतिम समय तक कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज अलग अलग जगह हो रहीं बाडाबंदी में पहुंचकर जीत का मंत्र देते हुए नजर आ रहे हैं. सबसे ज्यादा भाजपा के तीन विधायक और दो विधायक प्रत्याशियों के साथ संगठन की प्रतिष्ठा सांख पर हैं. भाजपा विधायक और विधायक प्रत्याशियों के क्षेत्र का कोई भी पार्षद क्रॉस वोटिंग करता है तो उनकी प्रतिष्ठा के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि साल 2019 में जब चुनाव महापौर का उपचुनाव हुआ था, तब 90 में से भाजपा के पास 62 पार्षद (विष्णु लाटा के अलावा) थे और जीत के लिए बीजेपी को 46 वोट चाहिए थे.
इधर कांग्रेस के पास 18 पार्षद थे, जबकि 9 निर्दलीयों का समर्थन यानी कुल 27 पार्षद थे.फिर भी विष्णु लाटा (भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े प्रत्याशी) को 45 वोट मिले थे..जबकि बीजेपी के मनोज भारद्वाज को 44 वोट और एक वोट खारिज हो गया था.उस समय मालवीय नगर, विद्याधर नगर और सांगानेर एरिया में सबसे ज्यादा पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग करके अपनी ही पार्टी के मेयर उम्मीदवार को हरवाया था. उस समय भी पार्षद पूरे समय बाड़ेबंदी में ही थे, लेकिन विधायकों के कर्न्वसेंशन में कमी के चलते ये घटनाक्रम हुआ था.
मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस और भाजपा के दिग्गजों ने संभाली कमान
इसलिए जयपुर नगर निगम ग्रेटर क्षेत्र के मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ, विद्याधर नगर से नरपत सिंह राजवी, सांगानेर से अशोक लाहोटी के अलावा झोटवाड़ा के पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत, बगरू से पूर्व विधायक कैलाश वर्मा अपने-अपने क्षेत्र के पार्षदों की मान मनौव्वल में कोई कसर नहीं छोड रहे हैं.
आज मतदान से एक दिन पहले राजस्थान भाजपा की सह प्रभारी विजया राहटकर, सांसद रामचरण बोहरा, विधायक कालीचरण सर्राफ, विधायक नरपत सिंह राजवी, विधायक अशोक लाहोटी, विधायक रामलाल शर्मा , पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, पूर्व विधायक कैलाश वर्मा, जिलाध्यक्ष राघव शर्मा ने दिनभर बाडाबंदी मे डेरा डाले रखा..संगठन की ओर से पार्षदों को पार्टी के संस्कार बताए जा रहे हैं. यदि नगर निगम ग्रेटर के पार्षदों की गणित की बात करें तो वर्तमान में वर्तमान में भाजपा के पास बहुमत से 19 पार्षद ज्यादा है.जबकि कांग्रेस को इस चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए 21 और पार्षदों की जरूरत है.कांग्रेस के पास वर्तमान में 49 स्वयं की पार्टी के और 4 निर्दलीय यानी कुल 53 पार्षद है...जीत के लिए 74 वोटों की जरूरत है.कांग्रेस प्रत्याशी हेमा सिंघानिया ने कहा की वो जरूर जयपुर ग्रेटर निगम की मेयर बनेगी.
बहरहाल, भाजपा और कांग्रेस की बाडाबंदी में आज दिनभर बडे नेताओं की चहलकदमी देखने को मिली.भाजपा की बाडाबंदी में जयपुर शहर सांसद, शहर के पांच विधानसभा क्षेत्रों के विधायक और विधायक प्रत्याशियों ने पार्षदों को वोटिंग का पैटर्न समझाया और विकास की बात कही.उधर कांग्रेस की टकटकी भाजपा के पार्षदों पर टिकी है.