Rajasthan: नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को असम का गवर्नर नियुक्त किया गया है, ऐसे में राजस्थान में अब नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया है. पद भरने को लेकर बीजेपी में अंतरिक रूप से चर्चा शुरू हुई हो गई है.  सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर कौन बनेगा नया नेता प्रतिपक्ष? किसका नाम रेस में शामिल है किसका नहीं.


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आपको बता दें कि सदन में प्रतिपक्ष के नेता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. राजस्थान में चुनावी साल में पार्टी पुरजोर तरीके से अपना पक्ष रखना चाहेगी. सदन के भीतर और सदन के बाहर सरकार को घेरने की कोशिश होगी. इसके लिए बीजेपी को दोनों जगह मजबूत नेतृत्व की दरकरार है. ऐसे में बड़ा सवाल यही, कि आखिर कौन बनेगा प्रतिपक्ष?


प्रतिपक्ष का अगुआ चेहरा बनने की दौड़ में कई नाम शामिल हैं, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी अभी सदन की सदस्य हैं. उपनेता राजेंद्र राठौड़ का नाम भी मजबूत माना जा रहा है. सतीश पूनिया भी रेस में शामिल हैं. हालांकि पूनिया के पास प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी है. ऐसे में पूनिया किसी अन्य नेता का नाम बढ़ा सकते हैं. क्योंकि उनके पास एक बड़ी जिम्मेदारी है. 


सचेतक जोगेश्वर गर्ग और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर का नाम भी चर्चा में. आपको बता दें कि दोनों संघ पृष्ठभूमि के और पूर्व मंत्री भी हैं. गर्ग और दिलावर दोनों ही प्रमुख दलित नेता हैं. लेकिन फिलहाल कैलाश मेघवाल हैं बीजेपी के वरिष्ठतम विधायक हैं.


पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व गृह मंत्री भी हैं मेघवाल. वसुंधरा खेमे के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं. हालांकि कटारिया के खिलाफ चिट्ठी भी लिख चुके हैं और यह चिट्ठी है मेघवाल का कमजोर पहलू मानी जा रही है. लेकिन ज्यादा आसार इस बात के हैं कि विधानसभा में अगली पंक्ति में बैठने वाला नेता ही नेता प्रतिपक्ष सकता है. क्योंकि नेता प्रतिपक्ष कैबिनेट रैंक के समकक्ष होता है. 


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