महिला-बालिकाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस पेट्रोलिंग, सभी जिलों में तैनात होगी यूनिट
देश में महिला उत्पीड़न और अपराध के मामले में राजस्थान की छवि बदलने की तैयारी है. प्रदेश में महिला पेट्रोलिंग यूनिट न केवल महिला अपराधों को रोकने के लिए गश्त करेगी, बल्कि मनचलों के खिलाफ भी कार्रवाई कार्रवाई करेगी.
जयपुर: देश में महिला उत्पीड़न और अपराध के मामले में राजस्थान की छवि बदलने की तैयारी है. प्रदेश में महिला पेट्रोलिंग यूनिट न केवल महिला अपराधों को रोकने के लिए गश्त करेगी, बल्कि मनचलों के खिलाफ भी कार्रवाई कार्रवाई करेगी. फिलहाल सात रेंज मुख्यालयों पर महिला पेट्रोलिंग यूनिट तैनात है, अब इन्हें प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर तैनात किया जाएगा. पुलिस मुख्यालय ने इस सम्बंध में राज्य सरकार को भेजा है. वहीं, गृह विभाग ने महिला पेट्रोलिंग यूनिट के लिए निर्भया फंड से बजट मांगा है.
देश में तमाम दावों, प्रतिदावों और कानूनों के बावजूद महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जो ना सिर्फ चिंता की बात है बल्कि देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर रही है. दूसरी ओर महिला अपराध की घटनाओं में उत्तर प्रदेश नम्बर वन तथा राजस्थान महिला अपराध और बलात्कार में मामलों में देशभर में दूसरे पायदान पर हैं.
बालात्कार के मामले में राजस्थान नंबर वन
हालांकि, महिलाओं-बालिकाओं से बलात्कार के मामले में राजस्थान नम्बर वन है. आमतौर पर शांत समझने वाले राजस्थान की छवि महिला अपराध के कारण बिगड़ी है. राजस्थान में वर्ष 2022 में जून माह तक पॉक्सो के 1892 मामलों सहित कुल 23 हजार 432 महिलाओं के विरुद्ध हुए अपराधों के अभियोग दर्ज किए गए .इनमें दुष्कर्म के 3617 प्रकरण भी शामिल है.
इधर राज्य में जयपुर सहित सात रेंजों पर निर्भया महिला स्क्वॉड तैनात है, जो पेट्रोलिंग करती है. इस कारण महिलाओं को छेड़छाड़, दुर्व्यवहार, चैन स्नेचिंग के मामलों में कमी आई है. इसके साथ ही निर्भया महिला स्कॉड महिलाओं व बालिकाओं को अपराधियों से बचाने के साथ साथ बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी देती है. वहीं, शहर में अन्य पुलिस गश्ती दलों के साथ समन्वय रखकर अपराधों की रोकथाम और जागरूकता में सहयोग कर रही है. इससे महिला अपराधों में थोड़ी बहुत कमी आई है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर मनचलों की लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाएं जरूर रुकी है.
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लड़कियों और महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाओं पर लगेगा लगाम
- महिलाएं और बालिकाएं सार्वजनिक स्थानों,गलियों, स्कूल कॉलेज, कार्य स्थल या पड़ोसी या मनचलों का शिकार हो रही हैं.
- महिलाओं और बालिकाओं को आजाद घूमने में डर लगने लगा है.
- ऐसे में इन मनचलों और अपराधियों को खिलाफ कार्रवाई के लिए महिला पुलिस पेट्रोलिंग शुरू की जाएगी ताकि हाथों-हाथा कार्रवाई हो सकते.
- एक महिला पेट्रोलिंग यूनिट में 28 महिला पुलिसकर्मी होते है जो 2-2 की टीम के रूप में दो पारियों ( सुबह 8 से दोपहर 2 पीएम तथा 2 पीएम से रात 8 पीएम तक) में कार्य करती हैं.
- प्रत्येक टीम को एक दुपहिया के हिसाब से 22 वाहन, 2 हेलमेट, एक वायरलेस हैण्ड सेट उपलब्ध हैं.
- राज्य में वर्तमान में रेंज मुख्यालय स्तर पर 7 जिलों में महिला पेट्रोलिंग यूनिट कार्यरत है, शेष 34 पुलिस जिलों में महिला पुलिस पेट्रोलिंग का गठन के लिए बजट मांगा गया है.
- नई यूनिट के लिए प्रति यूनिट 7 मोटरसाइकिल, 14 हेलमेट, सात वायरलैस हैंडसेट की मांग की गई है
- 34 जिलों के लिए 238 मोटरसाइकिलें, 476 हेलमेट तथा 238 वायरलैस सेट की मांग की गई है
- इन उपकरणों व संसाधनों पर दो करोड़, 42 लाख 76 हजार रुपए का खर्च आएगा.
- फिलहाल राज्य के 34 पुलिस जिलों में महिला पुलिस पेट्रोलिंग यूनिट का गठन जिले में उपलब्ध नफरी से किया जाएगा.
- महिला पुलिस पेट्रोलिंग यूनिट के लिए संसाधनों के लिए केंद्र सरकार निर्भया फंड के तहत बजट जारी करेगी
- इसमें राज्य सरकार के 40 प्रतिशत राशि के साथ ही केंद्र सरकार 60 प्रतिशत राशि जारी की जाएगी.
- अब राज्य के गृह विभाग ने निर्भया फंड के तहत महिला पुलिस पेट्रोलिंग यूनिटों के लिए केंद्र सरकार से बजट मांगा है.