Jaisalmer: जैसलमेर जिले के आपदा प्रबंधन में लगी फायर ब्रिगेड खुद आपदा में आ गई है. दरअसल सिविल डिफेंस की पार्किंग में खड़ी फायर ब्रिगेड में जनवरी महीने से ही डीजल नहीं है. बताया जा रहा है कि फायर ब्रिगेड में डीजल भरने वाले पेट्रोल पंप का 3 लाख रुपये बाकी है. जनवरी महीने में पेट्रोल पंप वालों ने डीजल देने से मना कर दिया. अब 3 महीने से सिविल डिफेंस की दमकल पार्किंग में ही खड़ी है. 


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ग्रामीण इलाकों में आग लगने पर नगर परिषद या निजी कंपनी वालों की दमकल के भरोसे रहना पड़ता है. ऐसे में आपदा के दौरान बिना डीजल के खड़ी सिविल डिफेंस की दमकल नाकारा साबित हो रही है.


जैसलमेर सिविल डिफेंस की दमकल के फायरमैन रतन लाल ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में आग लगने की घटनाओं पर सिविल डिफेंस की फायर ब्रिगेड अपने वॉलेंटियर्स के साथ मौके पर जाती थी. ग्रामीण इलाकों में आग लगने पर दूर दराज के इलाकों में इसी फायर ब्रिगेड के द्वारा आग बुझाई जाती थी. लेकिन 26 दिसंबर को इसका डीजल खत्म हो गया और पेट्रोल पंप में बकाया 3 लाख जब तक नहीं भरने पर डीजल देने से मना कर दिया तब से से खड़ी है.


रतन लाल ने बताया कि हमने विभाग और उच्चाधिकारियों को कई बार बताया मगर बजट नहीं होने से पैसा नहीं आ पाया. अब उम्मीद है कि अप्रैल में नए वित्तीय वर्ष को देखते हुए बजट आ जाएगा और डीजल का भुगतान हो जाएगा. जिससे दमकल दुबारा से पटरी पर आ जाएगी. उससे पहले हम कुछ नहीं कर सकते हैं. रतन लाल ने बताया कि हमारे पास आग लगने की सूचनाएं आती है मगर हम नगरपरिषद को आगे जानकारी दे देते हैं.


सिविल डिफेंस के एकमात्र फायर मैन रतन लाल ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में आग लगने पर 3 वॉलेंटियर्स हैं जो फायर मैन का काम करते हैं वही घटना पर जाते हैं. रतन लाल खुद स्टोर संभालते हैं और सिविल डिफेंस के वॉलेंटियर्स आग बुझाते हैं. ऐसे में पिछले तीन महीने से दमकल के खड़ी ही रहने पर तीन वॉलेंटियर्स और फायर मैन रतन लाल नाकारा बैठे हैं. सरकार फायर मैन को सैलरी तो दे रही है मगर जिस काम के लिए दे रही है वहीं काम पिछले 3 महीने से बंद पड़ा है.


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